अविनासी meaning in Hindi
pronunciation: [ avinaasi ]
Examples
- ( तुलसीदास ने भी लिखा है- ईश्वर अंश जीव अविनासी ) आत्मा देह तक ही सीमित नहीं है।
- यह भोर कुठाराघात है उसकी आशा पर , स्त्री पर कुठाराघात करके हरि को अविनासी बना देने वाली है।
- जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी , यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी, होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी, हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी।
- जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी , यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी, होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी, हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी (
- वे लिखते हैं - देखी तुम्हरी कासी लोगों देखी तुम्हरी कासी जहाँ विराजें विश्वनाथ विश्वेश्वर जी अविनासी घाट जाएँ तो गंगा पुत्तर नोचे दे गलफाँसी आधी कासी भाँड़ भंडेरिया लुच्चे और सन्यासी।
- और फिर से जहन्नम में डाल देंगे “ सूरा -बनी इस्राएल 17 : 8 ( आकर चार लाख चौरासी , भ्रमत फिरत यह जिव अविनासी कबहुँक कर करुना नर देही , देत ईश बिन हेत सनेही .
- हे करमा ! इसलिये तो मेरा तो कहना बस इतना ही है कि इस संसार में जीवन जीते हुऐ , कार्य करते हुऐ इस मन को तो अजर अविनासी परमात्मा के अमर धाम की तरफ ही लगा दे।
- कबीर ने शेख तकी का नाम लिया पर उस आदर के साथ नहीं जिस आदर के साथ गुरु का नाम लिया जाता है ; जैसे ' घट घट है अविनासी सुनहु तकी तुम शेख ' इस वचन में कबीर ही शेख तकी को उपदेश देते जान पड़ते हैं।
- [ सूरह अल-आराफ़ , आयत 191 ] तथा सूरह अन-नह्व , आयत 20 - 22 ] . कबीर ने इसी भाव को इन शब्दों में व्यक्त किया है - “ जामै , मरै , न संकुटि आवै नांव निरंजन ताकौ रे ” तथा “ अविनासी उपजै नहिं बिनसै , संत सुजस कहैं ताकौ रे . ”
- ( ख ) पग घुंघरू बांधि मीरा नाची , मैं तो मेरे नारायण सूं , आपहि हो गई साची लोग कहै , मीरां भइ बावरी ; न्यात कहै कुल नासी विस का प्याला राणा भेज्या , पीवत मीरां हाँसी मीरां के प्रभु गिरधर नागर , सहज मिले अविनासी ( ग ) जब गंभीर तम अर्द्ध-निशा में जग को ढक लेता है।