×

अभिलाषित meaning in Hindi

pronunciation: [ abhilaasit ]
अभिलाषित meaning in English

Examples

  1. ' ३ अर्थात् प्राणियों की सुख-शान्ति के लिए , उनके अभिलाषित पदार्थों की जो वृष्टि करे तो दूसरी ओर धर्म का नाम ‘ पुण्य ' भी है- ‘ पुनाति इति पुण्यम् ' यानि जो प्राणियों के मन-बुद्धि-इन्द्रियों एवं कर्म को पवित्रा कर दे।
  2. ‘धृ ' धातु से बने धर्म का अर्थ वृष भी है-‘वर्षति अभीष्टान् कामान् इति वृषः।'३ अर्थात् प्राणियों की सुख-शान्ति के लिए, उनके अभिलाषित पदार्थों की जो वृष्टि करे तो दूसरी ओर धर्म का नाम ‘पुण्य' भी है-‘पुनाति इति पुण्यम्' यानि जो प्राणियों के मन-
  3. जिन्हे धर्म , अभिलाषित भोग, धन तथा मोक्ष की कामना से भजने वाले लोग अपनी मनचाही गति पा लेते हैं अपितु जो उन्हे अन्य प्रकार के अयाचित भोग एवं अविनाशी पार्षद शरीर भी देते हैं वे अतिशय दयालु प्रभु मुझे इस विपत्ती से सदा के लिये उबार लें ॥१९॥
  4. जिन्हे धर्म , अभिलाषित भोग, धन तथा मोक्ष की कामना से भजने वाले लोग अपनी मनचाही गति पा लेते हैं अपितु जो उन्हे अन्य प्रकार के अयाचित भोग एवं अविनाशी पार्षद शरीर भी देते हैं वे अतिशय दयालु प्रभु मुझे इस विपत्ती से सदा के लिये उबार लें ॥१९॥
  5. जिन्हे धर्म , अभिलाषित भोग , धन तथा मोक्ष की कामना से भजने वाले लोग अपनी मनचाही गति पा लेते हैं अपितु जो उन्हे अन्य प्रकार के अयाचित भोग एवं अविनाशी पार्षद शरीर भी देते हैं वे अतिशय दयालु प्रभु मुझे इस विपत्ती से सदा के लिये उबार लें ॥ 19 ॥
  6. जिन्हे धर्म , अभिलाषित भोग , धन तथा मोक्ष की कामना से भजने वाले लोग अपनी मनचाही गति पा लेते हैं अपितु जो उन्हे अन्य प्रकार के अयाचित भोग एवं अविनाशी पार्षद शरीर भी देते हैं वे अतिशय दयालु प्रभु मुझे इस विपत्ती से सदा के लिये उबार लें ॥ 19 ॥
  7. यह सिद्धियाँ अणिमा ( अदृष्य होना ) , लघिमा ( अपना रूप सूक्ष्म कर के गुप्त होना ) गरिमा ( अपना रूप विशाल कर लेना ) प्राप्ति ( किसी भी अभिलाषित वस्तु की प्राप्ति होना ) प्राकाम्यं ( मन चाहा कार्य हो जाना ) , महिमा ( अपना स्वरूप विशाल कर लेना ) , ईशित्वं ( इश्वर की तरह शक्ति पा लेना ) , और वशित्वं ( किसी को भी वश में कर लेना ) हैं।
  8. और राग-रुधिर का सोता मेरा लड़ता है सूरज के रंग से अजब रात की बात रही बेवजह सी बातें रहीं रहीं मुरादें गीली सी गीली वो पूरी शाम रही सात मलमल में सहेजी जंग लगी पुरानी लगन फिर लगती है होठों से . ... फिर कहती है 'प्यास लगी है ' चरित्रहीन सी चाह रही गुण खो देने की आह रही उस शाम लड़कर मुकद्दर से दो पल छिपा कर लकीरों से अभिलाषित हुई बुरी हुई बुरी लड़की !
  9. विशुद्ध भारतीय ( और ठसके के साथ भारत की मिट्टी में रुंधे-गुंधे होने का देशज दर्प , जिसमें गोरों के देश जाकर मालामाल न हो पाने का चिर अभिलाषित मलाल भी शामिल है ) एवं श्रेष्ठ होने का अहंकार और प्रवासी के साहित्य को अनिवार्यतः नॉस्टेल्जिक मानकर ‘ हल्का ' समझने का पूर्वग्रह ! बेशक नॉस्टेल्जिया प्रवासी साहित्य का प्रमुख स्वर रहा भी है क्योंकि नॉस्टेल्जिया अपने को भुलाने का पलायनवादी स्वर मात्र नहीं है , अपरिचित मिट्टी और संस्कृति में दूनी ताकत के साथ अपने को रोपने का शक्तिशाली हथियार भी है।
  10. ऋग्वेद १ ० / ७ २ / २ - वह जगतकर्ता परमेश्वर विविध मनों का स्वामी , आकाश के तुल्य व्यापक , संसार का धारण करने वाला , विशेष रूप से सूर्य चन्द्र तथा लोक लोकान्तरों का धारण ओर पोषण करने वाला , अत्यंत उत्कृष्ट ओर सर्वज्ञ हैं , जिस परमेश्वर के विषय में विद्वान् कहते हैं की वह सात इन्द्रियों से परे एक ही हैं और जिस परमेश्वर के आश्रय में उन इन्द्रियादी के अभिलाषित सब भोग्य पदार्थ उस प्रभु की प्रेरक शक्ति से भली प्रकार हर्ष के कारण बनते हैं .
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.