×

अनाचरण meaning in Hindi

pronunciation: [ anaachern ]
अनाचरण meaning in English

Examples

  1. ( ८ ) जिम्मेदारी : मनुष्य यों स्वतंत्र समझा जाता है , पर वह जिम्मेदारियों के इतने बंधनों से बँधा हुआ है कि अपने- परायों में से किसी के भी साथ अनाचरण की गुंजाइश नहीं रह जाती।
  2. उत्पीड़ित चुपचाप सब कुछ सह लेता है , यह समझकर अत्याचारी की हिम्मत दूनी - चौगुनी हो जाती है और वह अपना मार्ग निष्कंटक समझकर और भी अधिक उत्साह से अनाचरण करने पर उतारू हो जाता है।
  3. चूंकि इसका इच्छाकृत असफलता के साथ अधिक विरोधाभास है , उदाहरणार्थ प्रभु और उनके कार्यों से प्रेम करो, सुस्ती को कभी-कभी अन्य पापों की तुलना में कम संगीन समझा जाता है, आचरण की तुलना में अनाचरण का पाप अधिक माना जाता है.
  4. चूंकि इसका इच्छाकृत असफलता के साथ अधिक विरोधाभास है , उदाहरणार्थ प्रभु और उनके कार्यों से प्रेम करो, सुस्ती को कभी-कभी अन्य पापों की तुलना में कम संगीन समझा जाता है, आचरण की तुलना में अनाचरण का पाप अधिक माना जाता है.
  5. अकेला पुरुष कहां कुछ कर पाता ? -्व्यक्तिगत बलात्कार आदि पुरुष का अत्याचार नहीं-दुष्ट अनैतिक प्रक्रति-स्वभाव-अर्थात मानव मात्र के अनाचरण का मामला है , स्त्री-पुरुष का अन्तर्संबन्ध- झगडा नहीं , मानव मात्र ( स्त्री पुरुशः दोनों ) के चारित्रिक पतन का है ।
  6. ( - आज अनाचरण व् मर्यादाहीनता के युग में जब पुरुष ( एवं स्त्रियाँ स्वयं भी ) स्वर्ण अर्थात धन , कमाई , भौतिक सुखों के पीछे दौड़ रहे हैं जो स्वयं इस अनाचरण का मूल है ..... स्त्रियों को ही आगे आना होगा ...
  7. ( - आज अनाचरण व् मर्यादाहीनता के युग में जब पुरुष ( एवं स्त्रियाँ स्वयं भी ) स्वर्ण अर्थात धन , कमाई , भौतिक सुखों के पीछे दौड़ रहे हैं जो स्वयं इस अनाचरण का मूल है ..... स्त्रियों को ही आगे आना होगा ...
  8. मैं सोचने लगा कि गुप्तजी ने एसा क्यों कहा होगा , शायद समकालीन अशिक्षा , अत्याचार , उत्प्रीणन , प्रतारणा , अनाचरण व अंधविश्वासों का दंश झेलती नारी के परिप्रेक्ष्य में जो बहुत कुछ आज भी है | परन्तु मैं सोचता हूँ कि इसे यदि हम इस प्रकार सोचें कि ...
  9. मैं सोचने लगा कि गुप्तजी ने एसा क्यों कहा होगा , शायद समकालीन अशिक्षा , अत्याचार , उत्प्रीणन , प्रतारणा , अनाचरण व अंधविश्वासों का दंश झेलती नारी के परिप्रेक्ष्य में जो बहुत कुछ आज भी है | परन्तु मैं सोचता हूँ कि इसे यदि हम इस प्रकार सोचें कि ...
  10. कुंजिका - १ = अनाचरण , कुसंस्कार आदि जन-जन में फैलाना - वास्तव में विरोधी दल , राष्ट्र व संस्कृति के कूटनीतिक हथियार होते हैं जो वे विरोधी दल व विजित राष्ट्र-क्षेत्र की जनता में फैलाये रखते हैं ताकि वे विरोध के स्तर तक ऊपर न उठ पायें , अनैतिकता के सुख में मस्त रहें ...
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.