अकम्पित meaning in Hindi
pronunciation: [ akempit ]
Examples
- सम ' कृपाकांक्षीनी मम्मी जी और मैं : इनके दामाद हार्ट सर्जन हैं गुरु ~ शिष्य परम्परा सचित्र आंधियों में जलता दीप , एक , अकम्पित लड़ता अंधियारे से , नन्हा सा जीव अकेला बोलो जलता रहता , किसके सहारे ? वही...
- सम ' कृपाकांक्षीनी मम्मी जी और मैं : इनके दामाद हार्ट सर्जन हैं गुरु ~ शिष्य परम्परा सचित्र आंधियों में जलता दीप , एक , अकम्पित लड़ता अंधियारे से , नन्हा सा जीव अकेला बोलो जलता रहता , किसके सहारे ? वही...
- तुलसी के बिरवे के पास , रखा एक जलता दिया जल रहा जो अकम्पित, मंद मंद , नित नया बिरवा जतन से उगा जो तुलसी क्यारे मध्य सजीला नैवैध्य जल से अभिसिक्त प्रतिदिन , वह मैं हूँ ... वही मां भी तो है ....
- तुलसी के बिरवे के पास , रखा एक जलता दिया जल रहा जो अकम्पित, मंद मंद , नित नया बिरवा जतन से उगा जो तुलसी क्यारे मध्य सजीला नैवैध्य जल से अभिसिक्त प्रतिदिन , वह मैं हूँ ... वही मां भी तो है ....
- अग्निरेखा के पूर्व भी महादेवी जी ने दीपक को प्रतीक मानकर अनेक गीत लिखे हैं- किन उपकरणों का दीपक , मधुर-मधुर मेरे दीपक जल, सब बुझे दीपक जला दूँ, यह मन्दिर का दीप इसे नीरव जलने दो, पुजारी दीप कहाँ सोता है, दीपक अब जाती रे, दीप मेरे जल अकम्पित घुल अचंचल, पूछता क्यों शेष कितनी रात आदि।
- अग्निरेखा के पूर्व भी महादेवी जी ने दीपक को प्रतीक मानकर अनेक गीत लिखे हैं- किन उपकरणों का दीपक , मधुर-मधुर मेरे दीपक जल, सब बुझे दीपक जला दूँ, यह मन्दिर का दीप इसे नीरव जलने दो, पुजारी दीप कहाँ सोता है, दीपक अब जाती रे, दीप मेरे जल अकम्पित घुल अचंचल, पूछता क्यों शेष कितनी रात आदि।
- बादशाह ने कहा- ' जवाब दे ! ' साकी ने धीमे स्वर में कहा- ' जहांपनाह कनीज अगर कुछ जवाब न दे , तो ? ' बादशाह सन्नाटे में आ गए- ' बांदी की इतनी हिम्मत ? ' उन्होंने फिर कहा- ' मेरी बात का जवाब नहीं ? अच्छा , तुझे निर्वस्त्र करके कोडे लगाए जाएंगे ! ' साकी ने अकम्पित स्वर में कहा- ' मैं मर्द हूं।
- मैं कहता हूँ , मैं बढ़ता हूँ, मैं नभ की चोटी चढ़ता हूँ कुचला जाकर भी धूली-सा आंधी सा और उमड़ता हूँ मेरा जीवन ललकार बने, असफलता ही असि-धार बने इस निर्मम रण में पग-पग का रुकना ही मेरा वार बने ! भव सारा तुझपर है स्वाहा सब कुछ तप कर अंगार बने- तेरी पुकार सा दुर्निवार मेरा यह नीरव प्यार बने - अज्ञेय अच्छा खंडित सत्य - अज्ञेय अच्छा खंडित सत्य सुघर नीरन्ध्र मृषा से, अच्छा पीड़ित प्यार सहिष्णु अकम्पित निर्ममता से।