स्वस्तिकासन meaning in Hindi
pronunciation: [ sevsetikaasen ]
Examples
- इन दो प्रकार के आसनों के अतिरिक्त स्वस्तिकासन , भद्रासन , उग्रासन , वीरासन , योगासन ,शवासन , सिंहासन , मयूरासन , शीर्षासन आदि अनेक प्रकार के आसन भी प्रचलित हैं।
- दरी व कंबल स्वच्छ जगह पर बिछाकर उस पर अपनी सुविधानुसार पद्मासन , सिद्धासन , स्वस्तिकासन अथवा सुखासन ( जिस तरह से बेठने में सबसे अधिक सुविधा हो ) में बैठ जाएं।
- दरी व कंबल स्वच्छ जगह पर बिछाकर उस पर अपनी सुविधानुसार पद्मासन , सिद्धासन , स्वस्तिकासन अथवा सुखासन ( जिस तरह से बेठने में सबसे अधिक सुविधा हो ) में बैठ जाएं।
- पद्मासन , स्वस्तिकासन , सुखासन , वज्रासन में करने से जिस रोग के लिए जो मुद्रा वर्णित है उसको इस भाव से करें कि मेरा रोग ठीक हो रहा है , तब ये मुद्राएं शीघ्रता से रोग को दूर करने में लग जाती हैं।
- पद्मासन , स्वस्तिकासन , सुखासन , वज्रासन में करने से जिस रोग के लिए जो मुद्रा वर्णित है उसको इस भाव से करें कि मेरा रोग ठीक हो रहा है , तब ये मुद्राएं शीघ्रता से रोग को दूर करने में लग जाती हैं।
- नासिकाग्र पर अपने मन को एकाग्र करने से भी यही फायदा होगा , लेकिन इस प्रकार मन को स्थिर करने में अधिक समय लगेगा, जो व्यक्ति पद्मासन, सिद्धासन या स्वस्तिकासन में नित्य 14 से 21 मिनटों तक अनाहत चक्र में ध्यान करता है, उसको अध्यात्मिक तथा भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं।
- पद्मासन , स्वस्तिकासन, सुखासन या वज्रासन आदि में बठ कर जैसे ही हम ये मुद्राएँ धारण करते हैं तो ये हस्त्मुद्राए अपना-अपना असर दिखाना शुरू कर देती हैं यह मन में भाव की मेरा रोग ठीक हो रहा है इसके प्रभावी असर को काफी बढा देता है ऐसी अनेक मुद्राएं हैं जिन्हें हम अपने जीवन में आराम से कर सकते हैं और अपने अनेक रोगों का उपचार कर सकते हैं।
- पद्मासन , स्वस्तिकासन, सुखासन या वज्रासन आदि में बठ कर जैसे ही हम ये मुद्राएँ धारण करते हैं तो ये हस्त्मुद्राए अपना-अपना असर दिखाना शुरू कर देती हैं यह मन में भाव की मेरा रोग ठीक हो रहा है इसके प्रभावी असर को काफी बढा देता है ऐसी अनेक मुद्राएं हैं जिन्हें हम अपने जीवन में आराम से कर सकते हैं और अपने अनेक रोगों का उपचार कर सकते हैं।
- योगासनों और प्राणायाम के बीच घनिष्ट सम्बन्ध है प्राणायाम करने के लिए साधक को सर्वप्रथम पद्मासन , स्वस्तिकासन और सुखासन जैसे आसन सिद्ध करने चाहियेजब आप किसी भी आसन पर लगभग तीन घंटों तक शरीर को तनिक भी हिलाए बिना बैठ सकें तभी उस आसन पर सिद्धि या प्रभुत्व पा लिया है - ऐसा कहा जा सकता है / प्रारंभ में ऐसा करना बड़ा कठिन लगेगा ,इसलिए पहले स्वानुकूल आसन लेकर अनुलोम - विलोम प्राणायाम करें धीरे धीरे
- योगासनों और प्राणायाम के बीच घनिष्ट सम्बन्ध है प्राणायाम करने के लिए साधक को सर्वप्रथम पद्मासन , स्वस्तिकासन और सुखासन जैसे आसन सिद्ध करने चाहियेजब आप किसी भी आसन पर लगभग तीन घंटों तक शरीर को तनिक भी हिलाए बिना बैठ सकें तभी उस आसन पर सिद्धि या प्रभुत्व पा लिया है - ऐसा कहा जा सकता है / प्रारंभ में ऐसा करना बड़ा कठिन लगेगा ,इसलिए पहले स्वानुकूल आसन लेकर अनुलोम - विलोम प्राणायाम करें धीरे धीरे