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स्मृति-दिवस meaning in Hindi

pronunciation: [ semriti-dives ]
स्मृति-दिवस meaning in English

Examples

  1. जसम के पूर्व महासचिव और कवि महेश् वर के स्मृति-दिवस को ‘ दमन विरोधी दिवस ' के रूप में मनाते हुए यह मार्च निकाला गया।
  2. जिस दिन दस आज्ञाओं को प्राप्त करने सीनै पर्वत पर चढ़ा उस दिन की याद करने के लिए परमेश्वर ने आज्ञा दी कि यह दिन स्मृति-दिवस ठहरे।
  3. इस आश्चर्य महासामर्थ्य की स्मृति करने के लिए परमेश्वर ने उन्हें आज्ञा दी कि जिस दिन वे लाल समुद्र से उतरे वो दिन प्रतिवर्ष एक स्मृति-दिवस ठहरे।
  4. यूनुस भाई और सागर भाई के साथ मिलकर श्रोता-बिरादरी के लिये जब मुकेश स्मृति-दिवस ( 27 अगस्त ) पर काम चल रहा था तो मैं भी मुकेशजी के कुछ ऐसे गीत ढ़ूँढ् रहा था जो कम सुनने मे आते हैं .
  5. एक ख़ास बात मुकेश स्मृति-दिवस पर यह बात विशेष रूप से कहना चाहूँगा कि भारतीय रजत-पट के शो-मेन राजकपूर को जन-जन में पहुँचाने में मुकेश का गायन एक महत्वपूर्ण कड़ी है और इसके महत्व को कभी ख़ारिज न किया जा सकेगा .
  6. अन्यथा , यदि हमारे द्वारा हिन्दी की इसी प्रकार उपेक्षा होती रही, तो सम्भव है की हिन्दी भाषा के समाप्त होने का दुखद-काल भी हमें अपनी आंखों से देखना पड़े और आने वाली पीढियों के लिए १४ सितम्बर का दिन हिन्दी के प्रति सम्मान का दिन बन्ने की बजाय हिन्दी का 'स्मृति-दिवस' बनकर रह जाए.
  7. उनके गीतों की संख्या कम है लेकिन लोकप्रियता के लिहाज़ से मुकेश आज भी सर्वश्रेष्ठ कहे जा सकते हैं . एक ख़ास बात मुकेश स्मृति-दिवस पर यह बात विशेष रूप से कहना चाहूँगा कि भारतीय रजत-पट के शो-मेन राजकपूर को जन-जन में पहुँचाने में मुकेश का गायन एक महत्वपूर्ण कड़ी है और इसके महत्व को कभी ख़ारिज न किया जा सकेगा.इस बात का ज़िक्र बहुत कम होता है लेकिन यहाँ ज़रूर करूंगा.
  8. ९ अगस्त १ ९ २ ५ को ब्रिटिश सरकार का तख्ता पलटने के उद्देश्य से ' बिस्मिल ' के नेतृत्व में हिन्दुस्तान प्रजातन्त्र संघ के दस जुझारू कार्यकर्ताओं ने काकोरी काण्ड किया था जिसकी यादगार ताजा रखने के लिये पूरे देश में प्रतिवर्ष ९ अगस्त को “ काकोरी काण्ड स्मृति-दिवस ” मनाने की परम्परा भगत सिंह ने प्रारम्भ कर दी थी और इस दिन बहुत बड़ी संख्या में नौजवान एकत्र होते थे।
  9. अन्यथा , यदि हमारे द्वारा हिन्दी की इसी प्रकार उपेक्षा होती रही , तो सम्भव है की हिन्दी भाषा के समाप्त होने का दुखद-काल भी हमें अपनी आंखों से देखना पड़े और आने वाली पीढियों के लिए १ ४ सितम्बर का दिन हिन्दी के प्रति सम्मान का दिन बन्ने की बजाय हिन्दी का ' स्मृति-दिवस ' बनकर रह जा ए. यदि ऐसा हुआ , तो इसके जिम्मेदार हम सब ही होंगे .
  10. अन्यथा , यदि हमारे द्वारा हिन्दी की इसी प्रकार उपेक्षा होती रही , तो सम्भव है की हिन्दी भाषा के समाप्त होने का दुखद-काल भी हमें अपनी आंखों से देखना पड़े और आने वाली पीढियों के लिए १ ४ सितम्बर का दिन हिन्दी के प्रति सम्मान का दिन बन्ने की बजाय हिन्दी का ' स्मृति-दिवस ' बनकर रह जा ए. यदि ऐसा हुआ , तो इसके जिम्मेदार हम सब ही होंगे .
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