सोनापाठा meaning in Hindi
pronunciation: [ sonaapaathaa ]
Examples
- सोनापाठा , शुंठी , बेल के फल की गिरी , अनारदाना , अतीस इन सब द्रव्यों को बराबर मात्रा में लेकर यवकूट कर लें।
- रासायनिक संघटन : सोनापाठा की जड़ व तने की छाल में 3 फ्रलेवोन रंजक द्रव्य ओरोक्सीलिन ` ए ' बैकेलिन और क्राइसिन होते हैं।
- रासायनिक संघटन : सोनापाठा की जड़ व तने की छाल में 3 फ्रलेवोन रंजक द्रव्य ओरोक्सीलिन ` ए ' बैकेलिन और क्राइसिन होते हैं।
- सोनापाठा की लकड़ी का छोटा सा प्याला बना लें , रात को इसमें पानी रख लें और सुबह के समय उठकर उस पानी को पी लें।
- योग न० १- बेल , अरणी, सोनापाठा, गम्भारी, और पाढल इन पाँचो की जड की त्वचा का काढा बनाकर शहद मे मिलाकर सभी प्रकार के मेदोविकार नष्ट होते है ।
- सोनापाठा की पत्तियां 3 - 5 इंच लम्बी , 2 से साढे 3 इंच चौड़ी , लट्वाकार , लम्ब्राग और चिकनी तथा पत्रनाल और पत्रदंड पर दाने पड़े होते हैं।
- सोनापाठा के पेड़ 15 - 25 फुट तक ऊंचे होते हैं , यदि परिस्थितियां अनुकूल और उपयुक्त हो तो बकायन की तरह 50 फुट तक के पेड़ भी देखे जाते हैं।
- आमवात ( जोड़ों के दर्द ) तथा वात प्रधान रोगों में सोनापाठा की जड़ व सौंठ का फांट बनाकर दिन में 3 बार 50 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से लाभ होता है।
- योग न ० १ - बेल , अरणी , सोनापाठा , गम्भारी , और पाढल इन पाँचो की जड की त्वचा का काढा बनाकर शहद मे मिलाकर सभी प्रकार के मेदोविकार नष्ट होते है ।
- योग न ० १ - बेल , अरणी , सोनापाठा , गम्भारी , और पाढल इन पाँचो की जड की त्वचा का काढा बनाकर शहद मे मिलाकर सभी प्रकार के मेदोविकार नष्ट होते है ।