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सोनापाठा meaning in Hindi

pronunciation: [ sonaapaathaa ]
सोनापाठा meaning in English

Examples

  1. सोनापाठा , शुंठी , बेल के फल की गिरी , अनारदाना , अतीस इन सब द्रव्यों को बराबर मात्रा में लेकर यवकूट कर लें।
  2. रासायनिक संघटन : सोनापाठा की जड़ व तने की छाल में 3 फ्रलेवोन रंजक द्रव्य ओरोक्सीलिन ` ए ' बैकेलिन और क्राइसिन होते हैं।
  3. रासायनिक संघटन : सोनापाठा की जड़ व तने की छाल में 3 फ्रलेवोन रंजक द्रव्य ओरोक्सीलिन ` ए ' बैकेलिन और क्राइसिन होते हैं।
  4. सोनापाठा की लकड़ी का छोटा सा प्याला बना लें , रात को इसमें पानी रख लें और सुबह के समय उठकर उस पानी को पी लें।
  5. योग न० १- बेल , अरणी, सोनापाठा, गम्भारी, और पाढल इन पाँचो की जड की त्वचा का काढा बनाकर शहद मे मिलाकर सभी प्रकार के मेदोविकार नष्ट होते है ।
  6. सोनापाठा की पत्तियां 3 - 5 इंच लम्बी , 2 से साढे 3 इंच चौड़ी , लट्वाकार , लम्ब्राग और चिकनी तथा पत्रनाल और पत्रदंड पर दाने पड़े होते हैं।
  7. सोनापाठा के पेड़ 15 - 25 फुट तक ऊंचे होते हैं , यदि परिस्थितियां अनुकूल और उपयुक्त हो तो बकायन की तरह 50 फुट तक के पेड़ भी देखे जाते हैं।
  8. आमवात ( जोड़ों के दर्द ) तथा वात प्रधान रोगों में सोनापाठा की जड़ व सौंठ का फांट बनाकर दिन में 3 बार 50 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से लाभ होता है।
  9. योग न ० १ - बेल , अरणी , सोनापाठा , गम्भारी , और पाढल इन पाँचो की जड की त्वचा का काढा बनाकर शहद मे मिलाकर सभी प्रकार के मेदोविकार नष्ट होते है ।
  10. योग न ० १ - बेल , अरणी , सोनापाठा , गम्भारी , और पाढल इन पाँचो की जड की त्वचा का काढा बनाकर शहद मे मिलाकर सभी प्रकार के मेदोविकार नष्ट होते है ।
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