×

संदेहयुक्त meaning in Hindi

pronunciation: [ sendeheyuket ]
संदेहयुक्त meaning in English

Examples

  1. इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रश्नों की भाषा जटिल , अस्पष्ट , संदेहयुक्त और बहुअर्थक न हो ।
  2. इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रश्नों की भाषा जटिल , अस्पष्ट , संदेहयुक्त और बहुअर्थक न हो ।
  3. गीता से कुछ मणिओं को एकत्रित करें और बैठ कर मजा लें क्यों भागना इधर से उधर ॥ गीता की पांच मणियाँ , आपके लिए जो - अस्थिर मन ..... संदेहयुक्त बुद्धि .... खंडित स्मृति ..... मोह , और ......... अज्ञान का समीकरण देते हैं ॥ [ क ] सूत्र - 18.72 , 18.73 पहला श्लोक प्रभु का गीता में आखिरी श्लोक है जिसमें अर्जुन से पूंछ रहे हैं .....
  4. गीता से कुछ मणिओं को एकत्रित करें और बैठ कर मजा लें क्यों भागना इधर से उधर ॥ गीता की पांच मणियाँ , आपके लिए जो - अस्थिर मन ..... संदेहयुक्त बुद्धि .... खंडित स्मृति ..... मोह , और ......... अज्ञान का समीकरण देते हैं ॥ [ क ] सूत्र - 18.72 , 18.73 पहला श्लोक प्रभु का गीता में आखिरी श्लोक है जिसमें अर्जुन से पूंछ रहे हैं .....
  5. अ्फ्रीका की मध्यनूतन युग के आरंभ की चट्टानों और भारत की अतिनूतन ( Pliocene) युग की चट्टानों से प्राप्त जीवाश्मों से ज्ञात होता है कि उस काल मेंश् अंतिम क्रिओडॉराटा जीवित थे क्रिओडॉराटा और फिसीपीडिया दानों गण के संबंध संदेहयुक्त हैं, यद्यपि दोनो के अवशेष एक ही काल की चट्टानों में मिलते हैं, जलव्य्घ्राा के जीवाश्म मध्यनूतन युग की चट्टानों में मिलते हैं जिनसे पता लगता है कि उनमें पिन्नीपीडिया गण के सभी लक्षण उपस्थित थे।
  6. मैथिलि शरण गुप्त चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊँ , चाह नहीं प्रेमी माला में बिध प्यारी को ललचाऊँ चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊँ चाह नहीं देवों के सर पर चढ़ भाग्य पर इठलाऊँ मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर तुम देना फेंक मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पर जायें वीर अनेक मेरी आत्महत्या सरसरी हवा, अनंत आकाश सैकड़ों फ़ीट गहराई, नीचे बहते पानी की कलकल और संदेहयुक्त मन ..............
  7. एक रूप है - संदेहयुक्त बुद्धि का जिसको भोग - बुद्धि कह सकते हैं जो रह -रह कर अपना रंग बदलती रहती है और दूसरी बुद्धि वह है जो स्थिर होती है , जिसमे मात्र प्रभु की ऊर्जा होती है , जो ब्यक्ति को केवल प्रभु पर केन्द्रित रखती है और वह ब्यक्ति स्वयं को परमा नन्द में समझ कर खुश रहता है ॥ बुद्धि तो एक है लेकीन - जब यह गुणों के प्रभाव में होती है तब इसका झुकाव होता है भोग की ओर और ...
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.