व्यंजन वर्ण meaning in Hindi
pronunciation: [ veynejn vern ]
Examples
- यह अध्यात्मिक श्वांस है , एक पवित्र ध्वनि है जो की मूलध्वानी है , जिसके अन्दर ९ स्वर वर्ण , दो योगिक वर्ण और २ ६ व्यंजन वर्ण समाहित है।
- ऐसी भौगोलिक सीमा को कहते हैं जिसके पार भाषा का कोई पहलु बदल जाता हो , मसलन किसी स्वर वर्ण का उच्चारण, किसी व्यंजन वर्ण को उच्चारण करने का लहजा, इत्यादि।
- अर्थात व्यंजन वर्ण के अशुद्ध उच्चारण से आयुका नाश होता है और स्वर वर्ण के अशुद्ध उच्चारण से रोग होते हैं , अशुद्ध उच्चारणसे युक्त मंत्रद्वारा अभिमंत्रित अक्षत सिरपर वज्रपात सामान गिरता है।
- वसुंधरा कार्णिक को ऐसा लगा मानों उसके जीवन से सारे स्वर निकल चुके हों और केवल ठस्स व्यंजन वर्ण बचे रह गये हों जिनके बगैर जीवन का कोई सार्थक मतलब न निकले , केवल ठूंठ संकेत खड़े हों जहां तहां।
- अंगरेजी में सामान्यतः यह नियम देखने में आता है कि जिन शब्दों में ` $ a & e ' के क्रम में स्वर तथा व्यंजन वर्ण हों उनमें ` a ' की ध्वनि ‘ ए ' जैसी होती है ।
- प्राकृत भाषा का यह सिध्दान्त है कि त वर्ग ; ' ण ' ' ह ' , और ' र ' के अतिरिक्त जब किसी दूसरे व्यंजन वर्ण के बाद यकार होता है तो प्राय : उसका लोप हो जाता है , और तत् संयुक्तवर्ण के द्वित्व प्राप्त होता है।
- वारंगक्षिति में ९ स्वर्ण वर्ण २ यौगिक वर्ण एवं २ १ व्यंजन वर्ण हैं , वर्तमान हो लोगों में प्रचलित वारंगक्षिति की खोज देवांतुरी ऋषि ने अध्यात्म के सहयोग से किया था , कहा जाता है की देवांतुरी ऋषि ( धन्वन्तरी ) ने ही आयुर्वेद चिकित्सा ( जड़ीबूटी ) का खोज किया था।
- नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षीव्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियोंके साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्यनासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्यएवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्यनासिक्य/म्/लिखा जाता है.
- नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षीव्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियोंके साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्यनासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्यएवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्यनासिक्य/म्/लिखा जाता है.
- नासिक्य - देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ , तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य /म्/ लिखा जाता है।