बरख़ास्त meaning in Hindi
pronunciation: [ berkhaset ]
Examples
- हालांकि इसमें सारा ज़ोर मुशर्रफ़ को हटाने और बरख़ास्त जजों की बहाली पर था जो सरकार को समर्थन देने की नवाज़ शरीफ़ की शर्त और नतीज़ा था।
- इसके बदले फ़ौजी और अफ़सरशाही व्यवस्था ने जमाते-इस्लामी को 1953 में प्रधानमंत्री ख़्वाजा नाज़िमुद्दीन को बरख़ास्त करवाने के लिए अहमदियों के विरुद्ध लाहौर आंदोलन के लिए इस्तेमाल किया .
- शायद तुम भी तो थे उस वक्त ! जब दरबार बरख़ास्त हुआ तो बॉस की आलोचना करते हुए मैंने कहा कि ये लोग जनता को कुत्ता समझते हैं !
- पदच्युत ( सं . ) [ वि . ] 1 . जो अपने पद से हट गया हो या हटा दिया गया हो 2 . नौकरी आदि से बरख़ास्त किया हुआ।
- मजलिस बरख़ास्त होने पर जब सब लोग बाहर निकले तो हिचकाक ने धीमे स्वर में जॉन से पूछा , “ क्या बात है , आज पीटर दिखाई नहीं दिया ... ? ”
- एक बड़ा ख़बीस जिन्न बोला कि मैं वह तख़्त हुज़ूर में हाज़िर कर दूंगा इसके पहले कि हुज़ूर इजलास बरख़ास्त करें ( 13 ) ( 13 ) और आपका इजलास सुबह से दोपहर तक होता था .
- कभी कभी यात्रा के किसी पड़ाव पर वह दुर्घटना घटती है जहां पाठक सभी कुछ को बरख़ास्त करता हुआ अपना रास्ता लेता है और वहां से बच निकलने की संतुष्टि लेकर पीछे न देखता हुआ आगे बढ़ जाता है।
- शान्ति सुमन की बड़ी-बड़ी आँखों में पानी भर आया और इससे पहले कि यह पानी बहता , महफ़िल बरख़ास्त हो गयी और शायद मामले की नज़ाकत को देखते हुए पंकज उन्हें किसी दूसरे कमरे में ले गया और थोड़ी देर में प्रकृतिस्थ होने के बाद उधर से उनके कविता पाठ का स्वर सुनायी देने लगा।
- PMतिनके की उम्मीद में आप करते हैं टेलिफ़ोन तो सब बाथरूम में होते हैं आप जेब में सिक्के टटोलते हैं राज्य परिवहन की बस से बहुत दूर दोपहर में जाते हैं उनसे मिलने वे सो रहे होते हैं बीस साल पुराना बचपन का दोस्त नौकरी से बरख़ास्त होकर अपने पिता का इलाज कराने आपके घर आ जाता है कविताएँ जीवन स्तर की तरह ही निकृष्ट हो जाती हैं ( उदाहरणार्थ यही कविता) दुर्दिनों में कहीं नहीं मिलता उधार फिर भी हम खोजते-फिरते हैं प्यार
- तालाब के किनारे ग्रीष्म की छुट्टियों में बैठे - बैठे तैरने के अज्ञान के अफ़सोस के साथ , तालाब में तैरते - नहाते बच्चों को देखना , भेंस पर सवारी करते किसी शरारती बच्चे को देखना , जिसे सिरफ़िरे बच्चों की टोली का सरदार कहकर पिछले माह को ही शिक्षक ने बरख़ास्त किया था स्कूल में से ! फिर भी उसने अपनी मौज - मस्ती या बालसहज शरारतों का संग प्रामाणिकता से नहीं छोड़ा और छोड़ा प्राण - प्रकृति का संग ! उसके मन पुस्तक के कीड़े जैसा शिक्षक या पोपट जैसे ज्ञान का कोई महत्त्व नहीं है ।