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प्रश्नोपनिषद् meaning in Hindi

pronunciation: [ pershenopenised ]
प्रश्नोपनिषद् meaning in English

Examples

  1. प्रश्नोपनिषद् के अनुसार ‘ वह प्राण उदानवायु से सहित जीवात्मा को उसके संकल्पानुसार भिन्न-भिन्न लोकों ( योनियों ) में ले जाता है।
  2. प्रश्नोपनिषद् के अनुसार ' वह प्राण उदानवायु के सहारे जीवात्मा को उसके संकल्पानुसार भिन्न-भिन्न लोकों ( योनियों ) ' में ले जाता है।
  3. प्रश्नोपनिषद् के यम-नचिकेता संवाद में जिस पंचग्नि प्राण-विद्या का उल्लेख किया गया है वह गायत्री महाशक्ति में सन्निहित पंच प्राणों के प्रखर बनाने का ही विज्ञान है ।
  4. इसीलिये उपनिषदों में कहीं कहीं उनकी बड़ी-प्रशंसा भी पाई जाती है , जैसे प्रश्नोपनिषद् में कहा गया है-व्रात्यस्त्वं प्राणैक ऋषिरत्ता विश्वस्य सत्पतिः ' ( २ , ११ ) ।
  5. प्रश्नोपनिषद् में वर्णित है कि कात्यायन कबंधी के आचार्य पिप्पलाद से यह प्रश्न करने पर कि सृष्टि में जो कुछ दृष्टिगोचर है वह आदि में किससे उत्पन्न हुआ आचार्य ने उत्तर दिया -
  6. प्रश्नोपनिषद् में सत्य काम ने पिप्पलाद ऋषि से पूछा है कि ' हे भगवन! मनुष्यों में जो मरणपर्यन्त ॐकार का ध्यान करता है, उसको किस लोक की प्राप्ति होती है?' ऋषि ने कहा कि 'वह सगुण या निर्गुण ॐकार रूप ब्रह्म को प्राप्त होता है।'
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