नक्षत्रेश meaning in Hindi
pronunciation: [ neksetresh ]
Examples
- 5 -यदि छठे भाव का उप नक्षत्रेश वक्री हो तो यह विपक्षी को बुरा होता है , क्योंकि तब यह विपक्षी के लिए बारहवां स्थान होता है।
- ! ऋग्वेद के प्रथम अध्याय के 130 वें सूक्त में चंद्रमा को नक्षत्रेश कहा गया है , वेदों को पाश्चात्य विश्लेषक भी 10 - 15 हजार वर्ष पूर्व रचित मानते है।
- इसके प्रमुख पर्यायवाची हैं- सोम , सुधाधर , इंदु , सुधाकर , हिमांशु , शशि , शशधर , शशांक , मृगांक , नक्षत्रेश , कुमुद-बांधव , क्षपाकर , निशापित , विधु , कलानिधि , द्विजराज , सुधानिधि , कलंकधर , उद्दुप , राकापति , अम्रितद्युती , रजनीश आदि।
- इसके प्रमुख पर्यायवाची हैं- सोम , सुधाधर , इंदु , सुधाकर , हिमांशु , शशि , शशधर , शशांक , मृगांक , नक्षत्रेश , कुमुद-बांधव , क्षपाकर , निशापित , विधु , कलानिधि , द्विजराज , सुधानिधि , कलंकधर , उद्दुप , राकापति , अम्रितद्युती , रजनीश आदि।
- इस पर मैंने तात्कालिक शासक ग्रह देखे , जो इस तरह थे- प्रश्न दिनांक-29 मई 1996 प्रश्न समय-15.25 प्रश्न स्थान-अक्षांश 20.38 उत्तर रेखांश 78.33 पूर्व प्रश्न समय के शासक ग्रह इस तरह से थे- लग्न-कन्या 29 अंश 8 कला 25 विकला पर थी, लग्नेश बुध तथा लग्न नक्षत्रेश मंगल हुआ।
- स्वर्गीय क्रिष्णमूर्ति जी ने विश्व की भविष्य फ़लकथन की विधाओं का अध्यन किया था , अपने गहन शोध एंव अध्यन के पश्चात यह सिद्ध कर दिया कि ज्योतिष में सर्वाधिक महत्व नक्षत्र का ही है , ग्रह अपने दशा काल में अपने नक्षत्रेश के द्वारा सूचित फ़लों को प्रदान करता है
- उदाहरण के लिये मानो कुण्डली की लग्न मेष है लग्न स्पष्ट 0 राशि : 14 अंश : 25 कला : 20 विकला है अतः लग्न कस्प मेष राशि तथा भरणी नक्षत्र में है अतः लग्न पर मंगल एंव शुक्र का सम्मिलित प्रभाव रहेगा ! समझने वाली बात यह है कि चूंकि लग्नेश मंगल है अतः जातक का स्वभाव , व्यक्तित्व , व्यवहार आदि मंगल के प्रक्रतिक गुणो के आधार पर होगा परन्तु लग्न का नक्षत्रेश शुक्र है जो कि मंगल के प्रक्रतिक गुणों में अपने प्रक्रतिक गुणों के अनुरूप संशोधन या परिवर्तन करेगा !