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छान्दोग्योपनिषद् meaning in Hindi

pronunciation: [ chhaanedogayopenised ]
छान्दोग्योपनिषद् meaning in English

Examples

  1. छान्दोग्योपनिषद् 7 / 19 व 20 में श्रद्धा की दो प्रमुख विशेषताएँ बताई गई हैं - मनुष्य के हृदय में निष्ठा / आस्तिक बुद्धि जागृत कराना व मनन कराना।
  2. छान्दोग्योपनिषद् में ' ओमित्येतदक्षरमुद्गीथमुपासीत्' ऐसा उपक्रम करके यह प्रसंग लिखा है कि किसी समय देवताओं ने मृत्यु से भयभीत होकर त्रयीविद्या विहित कर्मों का अनुष्ठान करके कर्मानुष्ठान द्वारा अपने को वेदों से आच्छादन कर लिया।
  3. स्वप्नषास्त्र को समझने एवं अध्ययन करने की प्रेरणा देते हुए छान्दोग्योपनिषद् में एक कथा आती है कि उद्दालक नाम से प्रसिद्ध अरूण के पुत्र ने अपने पुत्र श्वेतकेतु से कहा कि हे सौम्य ! तू मेरे स्वप्नान्त को विषेष रूप से समझ ले।
  4. हाँ , इतना अवश्य होगा कि जब जीविका का संकोच होते-होते ब्राह्मण चतुर्थ प्रकार का हो जायेगा , अर्थात् उसके पास एक दिन के लिए भी भोजन आदि का सामान न रहेगा , तो जैसा कि छान्दोग्योपनिषद् के पंचम प्रपाठक के 9 वें खण्ड में लिखा हैं कि :
  5. और जब अन्न पर ही बुद्धि निर्भर हैं , तो फिर जैसा अन्न होगा वैसी ही बुद्धि बनेगी , क्योंकि छान्दोग्योपनिषद् के षष्ठ प्रपाठक में लिखा हैं कि ‘ अन्नमशितं त्रोधा विधीयते यदणिष्ठं तन्मनो भवति ' अर्थात् ‘ भोजन किये गये अन्न के स्थूल , सूक्ष्म और सूक्ष्मतर तीन अंशों में से सूक्ष्मतर अंश से मन ( बुद्धि ) बनता हैं।
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