चूड़ाकरण meaning in Hindi
pronunciation: [ chudakern ]
Examples
- म हामहोपाध्याय डॉ पाण्डुरंग वामन काणे लिखित धर्मशास्त्र का इतिहास पुस्तक के अनुसार मुंडन संस्कार के प्राचीन नाम चौल , चूड़ाकरण , चूड़ाकर्म आदि हैं।
- यद्यपि दीर्घ तथा विस्तृत यज्ञ प्रचलित नहीं रहे , किंतु संस्कार जैसे यज्ञोपवीत तथा चूड़ाकरण , कुछ परिवर्तण के साथ वर्तमान समय में भी जारी हैं।
- इन आठ प्रकार के संस्कारों से , अर्थात् गर्भाधान , पुंसवन , सीमन्तोन्नयन , जातकर्म , नामकरण , अन्नप्राशन , चूड़ाकरण एवं समावर्तन से पवित्रता की उत्पत्ति होती है।
- इन आठ प्रकार के संस्कारों से , अर्थात् गर्भाधान , पुंसवन , सीमन्तोन्नयन , जातकर्म , नामकरण , अन्नप्राशन , चूड़ाकरण एवं समावर्तन से पवित्रता की उत्पत्ति होती है।
- क्योंकि बहुत दिनों के परम्परानुसार इन लोगों के सभी व्यवहार कान्यकुब्जों के-से हैं , जैसे कि श्रुति , स्मृति , पुराण और इतिहास सिद्ध जो ब्राह्मण के चूड़ाकरण प्रभृति संस्कार और संध्यादि हैं वे सभी इन लोगों में पाए जाते हैं।
- चार आश्रमों के अंतगर्त सोलह संस्कारों ( गर्भाधान , पुंसवन , सीमंतोन्न्यन , जातकर्म , नामकरण , निष्क्रमण , अन्नप्राशन , चूड़ाकरण , कर्णभेद , विद्यारंभ , उपनयन , वेदारंभ , केशान्त , समावर्तन , विवाह , अंत्येष्टि ) की विधिा विकसित की गई।
- चार आश्रमों के अंतगर्त सोलह संस्कारों ( गर्भाधान , पुंसवन , सीमंतोन्न्यन , जातकर्म , नामकरण , निष्क्रमण , अन्नप्राशन , चूड़ाकरण , कर्णभेद , विद्यारंभ , उपनयन , वेदारंभ , केशान्त , समावर्तन , विवाह , अंत्येष्टि ) की विधिा विकसित की गई।
- इसी प्रकार- गर्भाधान , पुंसवन , सीमन्त , सूतिका स्नान , जातकर्म-नामकरण , मूल नक्षत्र , नामकरण शांति , जल पूजा , निष्क्रमण , अन्नप्राशन , कर्णवेधन , चूड़ाकरण , मुंडन , विद्यारंभ यज्ञोपवीत , विवाह तथा द्विरागंमनादि मुहूर्त अति अनिवार्य रूप में भारतीय हिंदू समाज मानता है।
- इसी प्रकार- गर्भाधान , पुंसवन , सीमन्त , सूतिका स्नान , जातकर्म-नामकरण , मूल नक्षत्र , नामकरण शांति , जल पूजा , निष्क्रमण , अन्नप्राशन , कर्णवेधन , चूड़ाकरण , मुंडन , विद्यारंभ यज्ञोपवीत , विवाह तथा द्विरागंमनादि मुहूर्त अति अनिवार्य रूप में भारतीय हिंदू समाज मानता है।
- ( हाथ जोड़कर) आप प्रतिज्ञा न करें. अभी तो चूड़ाकरण कराया है. कुछ दिन और रुक जाइए. शकुनिः ठीक है, लेकिन तुम मेरे चूड़ाकरण से इतना क्यों डरते हो? दुर्योधनः मुझे संयोग से डर लगता है. मैंने पहले ही संयोगों की सूची दी है. शकुनिः अब कैसा संयोग? उसका अफसर उसकी अपेक्षा कर बगल से निकल गया.