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गोरख-धंधा meaning in Hindi

pronunciation: [ gaorekh-dhendhaa ]
गोरख-धंधा meaning in English

Examples

  1. इन बातों को मान भी लें तो इसका कोई जवाब नहीं था कि ये गोरख-धंधा जब वर्षों से चल रहा था तो सब जानकर भी सभी आंखें मूंदे क्यूं मस्त थे ? अनजान होना बताकर अपनी जवाबदारियों से छुटकारा नहीं मिल सकता।
  2. प्रोग्राम ऐंचर करने वाली पत्रकार बिल्कुल सही कह रही थी कि यह गोरख-धंधा केवल छोटे शहरों एवं कस्बों तक ही महदूद नहीं है - मैट्रो शहरों में रहने वाले लोग यह ना समझ लें कि ऐसा तो छोटे शहरों में ही हो सकता है।
  3. हां , तो मैं परहेज़ की बात कर रहा था -वैसे तो मैं चाय का ही इतनी कोई ज़्यादा शौकीन हूं नहीं लेकिन मैं बाहर कहीं भी चाय पीने से गुरेज़ ही करता हूं क्योंकि उस चाय बेचने वाले से आप उम्मीद ही कैसे कर सकते हैं कि उसे अपने दूध की क्वालिटी का कुछ भी ज्ञान होगा या वह भी कुछ गोरख-धंधा नहीं करता होगा।
  4. कईं बार सोचता हूं कि शायद दूध के धंधे में इतना ज़्यादा गोरख-धंधा है कि कुछ चंद लोग चाहते हुये भी मुंह नहीं खोल पाते -सोचने की बात है कि हम लोगों ने इतनी तरक्की हर क्षेत्र में कर ली है लेकिन हम लोगों को दो-चार साधारण टैस्ट घर में ही करने क्यों नहीं सिखा पाये जिस से कि वे पूरे विश्वास से अपने दूधवाले से कह सकें कि कल से यह गोरख-धंधा बंद करो - बहुत हो गया।
  5. कईं बार सोचता हूं कि शायद दूध के धंधे में इतना ज़्यादा गोरख-धंधा है कि कुछ चंद लोग चाहते हुये भी मुंह नहीं खोल पाते -सोचने की बात है कि हम लोगों ने इतनी तरक्की हर क्षेत्र में कर ली है लेकिन हम लोगों को दो-चार साधारण टैस्ट घर में ही करने क्यों नहीं सिखा पाये जिस से कि वे पूरे विश्वास से अपने दूधवाले से कह सकें कि कल से यह गोरख-धंधा बंद करो - बहुत हो गया।
  6. अजीब गोरख-धंधा है ऊपर वाले का भी . ......! जनता पसीना बहाते- बहाते रोटी के जोड-भाग में हाँफने लगती है लेकिन नेता जी उसी पसीने में इत्र डालकर नहाने से करोडपति हो जाते है.......? तभी तो मन्त्री बनते समय किसी को भी इस बात कोई चिन्ता नहीं होती कि गरीब का उद्धार कैसे होगा सभी की मात्र यही गणित होती है कि जनता का कुछ हो या न हो मेरे परिवार का उद्धार कैसे होगा..........?और वह अपने कुनबे की गरीबी दूर करने में सफल भी हो ही जाता है...
  7. अजीब गोरख-धंधा है ऊपर वाले का भी . ...... ! जनता पसीना बहाते- बहाते रोटी के जोड-भाग में हाँफने लगती है लेकिन नेता जी उसी पसीने में इत्र डालकर नहाने से करोडपति हो जाते है ....... ? तभी तो मन्त्री बनते समय किसी को भी इस बात कोई चिन्ता नहीं होती कि गरीब का उद्धार कैसे होगा सभी की मात्र यही गणित होती है कि जनता का कुछ हो या न हो मेरे परिवार का उद्धार कैसे होगा .......... ? और वह अपने कुनबे की गरीबी दूर करने में सफल भी हो ही जाता है ...
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