कृषि मन्त्री meaning in Hindi
pronunciation: [ kerisi menteri ]
Examples
- कृषि मन्त्री ने बताया कि वर्ष 2010 - 11 में फसली ऋण वितरण का लक्ष्य 24239 करोड़ रुपये है , जिसमें से खरीफ में 9695 करोड़ रुपये का वितरण होना है।
- अटल जी की सरकार ने महंगाई को रोक दिया था लेकिन वर्तमान कांग्रेसी सत्ता के प्रधान मन्त्री कृषि मन्त्री , वित्त मन्त्री में महंगाई बढ़ाने की पूर्व सूचना देने की होड़ है।
- लखनऊ- यूपी की मुख्यमन्त्री मायावती ने शरद पवार को केन्द्रीय कृषि मन्त्री के पद से हटाने की मांग उठाते हुए कहाकि प्रधानमन्त्री ऐसा नहीं करेंगे तो 27 जनवरी को महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमन्त्रियों की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी।
- १ . उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सो मे एक बार बेमौसम बरसात हुई, किसानो ने अपनी व्यथा बयान की, पर एक नौकरशाह ने कृषि मन्त्री की हा मे हा मिलाते हुए कहा कि ये बारिश एग्रीकल्चर के लिये अच्छी है,कह रहा था कि
- सजीव पान्डे : बतौर इन्टरनेशनल क्रिकेट काउन्सिल अध्यक्ष केन्द्रिय कृषि मन्त्री शरद पवार का कार्यकाल भले ही समाप्त हो गया हो , लेकिन मन्त्री रहते आईसीसी अध्यक्ष पद ग्रहण किये जाने की वैधानिकता को लेकर नया विवाद खडा हो गया है।
- कृषि मन्त्री होने के नाते वे सूखे को लेकर अध्ययन करते करवाते यह ठीक था किन्तु सावन के जाने से पहले और भादों मास के पूरे पूरे बाकी रहते इन चर्चाओं को सार्वजनिक रूप से करने के पीछें मंतव्य क्या था ?
- मोदी की टीम में गुजरात के मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी साईलेंट रोल अदा करते दिख रहे हैं तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई ) के पूर्व अध्यक्ष एवं भारत सरकार के कृषि मन्त्री शरद पवार उनके समर्थन में सामने आ गए हैं।
- फिर सत्तर के दशक में जब सी सुब्रमण्यम खाद्य और कृषि मन्त्री बने तो उन्होंने हरित क्रान्ति की योजना तैयार की जिसमें खेतिहर भूमि का विस्तार , एक साल में दो फ़सलें उगाना और बेहतर बीज आयात करना और तैयार करना शामिल था.
- कृषि मन्त्री ने बताया कि इस खरीफ में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से 10 . 80 लाख कुन्तल बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है तथा इस समय लगभग 8 लाख कुन्तल विभिन्न प्रजातियों के धान बीज विभिन्न बीज वितरण केन्द्रों पर उपलब्ध हैं।
- उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के कृषि मन्त्री द्वारा मंहगाई को लेकर समय-समय पर दिये जा रहे गैरजिम्मेदाराना बयान भी आग में घी डालने का काम कर रहे हैं , जिससे जमाखोरों और मुनाफाखोरों को खाद्य पदार्थों के दामों को बढ़ाने का मौका मिल रहा है।