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इश्तियाक़ meaning in Hindi

pronunciation: [ ishetiyaak ]
इश्तियाक़ meaning in English

Examples

  1. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बेगम साहिबा उस एनाउंसर के पास आकर बोली “ बिटिया मैं बहुत ग़मज़दा हूँ तुमने मुझे बेग़म क्यों कहा ? मैं तो बेगम हूँ, जनाब इश्तियाक़ अहमद अब्बासी की बेगम!”
  2. इलाज के बाद डाक्टरों ने उसे स्वस्थ्य भी घोषित कर दिया लेकिन कुछ अर्से बाद यह ग़लीज़ बीमारी फिर आ धमकी . 1995 में पाकिस्तान के एक प्रसिद्ध उद्योग घराने के चश्मे-चिराग इश्तियाक़ बेग से शादी भी कर ली.
  3. इलाज के बाद डाक्टरों ने उसे स्वस्थ्य भी घोषित कर दिया लेकिन कुछ अर्से बाद यह ग़लीज़ बीमारी फिर आ धमकी . 1995 में पाकिस्तान के एक प्रसिद्ध उद्योग घराने के चश्मे-चिराग इश्तियाक़ बेग से शादी भी कर ली.
  4. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बेगम साहिबा उस एनाउंसर के पास आकर बोली “ बिटिया मैं बहुत ग़मज़दा हूँ तुमने मुझे बेग़म क्यों कहा ? मैं तो बेगम हूँ , जनाब इश्तियाक़ अहमद अब्बासी की बेगम ! ”
  5. इलाज के बाद डाक्टरों ने उसे स्वस्थ्य भी घोषित कर दिया लेकिन कुछ अर्से बाद यह ग़लीज़ बीमारी फिर आ धमकी . 1995 में पाकिस्तान के एक प्रसिद्ध उद्योग घराने के चश्मे-चिराग इश्तियाक़ बेग से शादी भी कर ली .
  6. ए शाहजहाँ ! कर दिया है दफ़न तूने इंसानियत को इस कब्र में बनवाई है जो तूने ले के मेरा नाम , झोंक दी जिन्होंने तेरे इश्तियाक़ * के लिए ज़िंदगी अपनी मिला उन्हें तुझसे यह अश्क़िया * इनाम !
  7. ( (( -किस क़द्र फ़र्क़ है इस बैअत में जिसके लिये बूढ़े , बच्चे , औरतें सब घर से निकल आए और कमाले इश्तियाक़ में साहबे मन्सब की बारगाह की तरफ़ दौड़ पड़े और इस बैअत में जिसके लिये बिन्ते रसूल ( स 0 ) के दरवाज़े में आग लगाई गई , नफ़्से रसूल ( स 0 ) को गले में रस्सी का फनदा डालकर घर से निकाला गया और सहाबाए कराम को ज़दो कोब किया गया।
  8. ख़ुदा की क़सम अगर मैं तनो तन्हा उनके मुक़ाबले पर निकल पड़ूं और उनसे ज़मीन छलक रही हो तो भी मुझे फ़िक्र और दहशत न होगी के मैं उनकी गुमराही के बारे में भी और अपने हिदायत याफ़्ता होने के बारे में भी बसीरत रखता हूँ और परवरदिगार की तरफ़ से मन्ज़िले यक़ीन पर भी हूं और मैं लक़ाए इलाही का इश्तियाक़ भी रखता हूं और इसके बेहतरीन अज्र व सवाब का मुन्तज़िर और उम्मीदवार हूँ।
  9. कैराना शरीफ न अगर कुफर का खौफ होता मुझे जहाँ भर से अच्छा कहता इसे यहाँ के हैं जितने भी दीवार व दर ता‘स्सुब के गारे से हैं बे खबर बहुत खूबसूरत हैं सीरत में नेक यहाँ सौ हैं दुनिया में है कोई एक गये मक्क़ा में रहमतुल्लाह मियाँ किया इल्म का वाॅ से दरिया रवाँ यहाँ पेहलवान हैं जिनों से लडे सरे दस्त झोटा उठा ले उडे पढ़ा कलमा गूजर ने बा इश्तियाक़ बदस्त शहन्शाहे अब्दुर्रज़ाक मुसलमान गूजर जो पहला हुआ तो उसका हसन नाम रखा गया।
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