आश्लेषण meaning in Hindi
pronunciation: [ aashelesen ]
Examples
- उक्त वक्र तल पृ का एक ऐसा वक्र होता है , जिसके प्रत्येक बिंदु का आश्लेषण समतल उस बिंदु की सर्वागसमता रेखा (लाइन ऑव कॉनग्रुएँस) के मध्य से जाता है।
- इसी प्रकार एक समतल त्रिघाती ( प्लेन क्यूबिक) के इस गुण की सहायता से कि उसका निर्धारण नौ स्वेच्छा (आबिट्रैरी) बिंदुओं से होता है, हम आश्लेषण त्रिघाती (ऑस्क्युलेटिग क्यूबिक) की परिभाषा दे सकते हैं।
- इसी प्रकार एक समतल त्रिघाती ( प्लेन क्यूबिक) के इस गुण की सहायता से कि उसका निर्धारण नौ स्वेच्छा (आबिट्रैरी) बिंदुओं से होता है, हम आश्लेषण त्रिघाती (ऑस्क्युलेटिग क्यूबिक) की परिभाषा दे सकते हैं।
- जब ये चारों बिंदु पा की ओर अग्रसर होते हैं , तब इन पांचों बिंदुओं द्वारा खींचे गए शांकव (कॉनिक) की जो सीमास्थिति होगी, उसे वक्र के बिंदु पा पर, आश्लेषण शांकव (ऑस्कयुलेटिग कॉनिक) कहते हैं।
- जब ये चारों बिंदु पा की ओर अग्रसर होते हैं , तब इन पांचों बिंदुओं द्वारा खींचे गए शांकव (कॉनिक) की जो सीमास्थिति होगी, उसे वक्र के बिंदु पा पर, आश्लेषण शांकव (ऑस्कयुलेटिग कॉनिक) कहते हैं।
- एक संयोजक है ; फूलों से भंवरों का मिलन , विटप से लता का आश्लेषण ,रात्रि से अन्धकार का प्रणय आदि में .... दूसरा विच्छेदक है ; आंधी से वृक्षों का विनाश ,दावानल से वनों का जलना ,व्याध द्वारा कपोतों के मारे जाने में आदि .
- बहुत पहले मेरे साथ नव जन्मा शिशु लेटा हुआ था वह शिशु को देखने आया तो वह देर तक मुस्कान दबाए रही फिर धीमे से अपनी मुस्कान को खिलने दिया तनिक संकोच अधिक आल्हाद फिर अचानक सब कुछ हुआ शीघ्र ही कविता बड़ी हो गई नाचने गाने लगी भूमि और प्रकृति का आश्लेषण करने लगी
- मैं सोचने लगता हॅँू कि अगर मेरी शाखें भी उतनी ही लचकदार होतीं , जितनी इस अमर बेल की हैं , तो मैं स्वयं उसके आश्लेषण को दृढ़तर कर देता , उसके बन्धन को सव्य कस देता ! पर विश्वकर्मा ने मुझे ऐसा निकम्मा बना दिया-मैं प्रेम पा सकता हूँ , दे नहीं सकता ;
- जैसे किसी वक्र के ये गुण कि उसके किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा अथवा आश्लेषण समतल ( ऑस्क्युलेटिंग प्लेन) का अस्तित्व है अथवा नहीं, विक्षेपात्मक अवकलीय गुण हैं किंतु किसी तल का यह गुण कि उसपर अल्पांतरी (जिओडेसिक) का अस्तित्व है या नहीं, विक्षेपात्मक नहीं है, क्योंकि इसमें लंबाई का भाव निहित है जो विक्षेपात्मक नहीं है।
- जैसे किसी वक्र के ये गुण कि उसके किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा अथवा आश्लेषण समतल ( ऑस्क्युलेटिंग प्लेन) का अस्तित्व है अथवा नहीं, विक्षेपात्मक अवकलीय गुण हैं किंतु किसी तल का यह गुण कि उसपर अल्पांतरी (जिओडेसिक) का अस्तित्व है या नहीं, विक्षेपात्मक नहीं है, क्योंकि इसमें लंबाई का भाव निहित है जो विक्षेपात्मक नहीं है।