अपह्नुति meaning in Hindi
pronunciation: [ aphenuti ]
Examples
- अपह्नुति जहां प्रकृत का निषेध कर अप्रकृत का स्थापन किया जाय वहां ' अपह्नुति ' अलंकार होता है।
- अपह्नुति जहां प्रकृत का निषेध कर अप्रकृत का स्थापन किया जाय वहां ' अपह्नुति ' अलंकार होता है।
- अपह्नुति जहां प्रकृत का निषेध कर अप्रकृत का स्थापन किया जाय वहां ' अपह्नुति ' अलंकार होता है।
- बुद्धि के देवता गणेश के विषय को कवि ने जो अपह्नुति अलंकार का आश्रय लेकर रूप प्रदान किया है , वह इस प्रकार है-
- इसलिए रूपक , सांगरूपक, उपमा, उत्प्रेक्षा, दृष्टांत, निदर्शना, उदाहरण, प्रतीप, व्यतिरेक, अपह्नुति, संदेह, भ्रांतिमान आदि अलंकार कवि की रूपक-चेतना से ही उद्भूत होते हैं।
- अपह्नुति की योजना में प्राय : कृत्रिमता आने की आशंका रहती हैं रसखान के काव्य में यह अलंकार बहुत ही विरल रूप में आया है।
- छेकापह्नुति ( सं . ) [ सं-स्त्री . ] ( काव्यशास्त्र ) अपह्नुति अलंकार का एक भेद , जिसमें प्रस्तुत अर्थ को अस्वीकार कर अप्रस्तुत अर्थ को स्थापित किया जाता है।
- यदि थोड़ा और आगे बढ़ें तो पाएँगे कि यहाँ अपह्नुति अलंकार भी व्यंग्य है- क्योंकि शत्रु भागकर गुफाओं में नहीं गये , बल्कि उस राजा से हार जाने के डर से पहले से ही गुफाओं में रह रहे शत्रुओं को गुफाएँ जाने नहीं देती , यह व्यंग्य है ( जहाँ प्रस्तुत अर्थात् उपमेय का प्रतिषेध कर अप्रस्तुत अर्थात् उपमान की स्थापना की जाय , वहाँ अपह्नुति अलंकार होता है ) ।
- यदि थोड़ा और आगे बढ़ें तो पाएँगे कि यहाँ अपह्नुति अलंकार भी व्यंग्य है- क्योंकि शत्रु भागकर गुफाओं में नहीं गये , बल्कि उस राजा से हार जाने के डर से पहले से ही गुफाओं में रह रहे शत्रुओं को गुफाएँ जाने नहीं देती , यह व्यंग्य है ( जहाँ प्रस्तुत अर्थात् उपमेय का प्रतिषेध कर अप्रस्तुत अर्थात् उपमान की स्थापना की जाय , वहाँ अपह्नुति अलंकार होता है ) ।