अपरिच्छिन्न meaning in Hindi
pronunciation: [ aperichechhinen ]
Examples
- उन्होंने उसी पंककुटिला अपरिच्छिन्न बद्धपुष्करिणी में श्वेत पंकजों के सदृश्य साहित्य प्रसूनों को विकसित किया।
- संहिता भी शिव की महिमा का विस्तार से वर्णन करते हुए बताती है कि शिव काल से अपरिच्छिन्न हैं-
- अहम् के मिटने पर एक देश , काल आदिमें परिच्छिन सत्ता नहीं रहती , प्रत्युत अपरिच्छिन्न सत्तामात्र रहती है ।
- वे धीर महात्मा अपनी इच्छानुसार चिरकालतक इस संसार में निवास कर अन्त में देह , इन्द्रिय आदि उपाधि का त्याग कर अपरिच्छिन्न विदेहकैवल्य को प्राप्त होते हैं।
- ( 2) हेगेल निरूपाधि ब्रह्म को एक ओर तो पूर्ण एवं काल से अपरिच्छिन्न स्वीकार करते हैं और दूसरी ओर, विश्व के रूप में उसका कालगत विकास भी मानते हैं।
- यह स्मरणीय है कि आत्मा के अनंत और अपरिच्छिन्न होने के कारण उन्होंने उसके अस्तित्व का भी ख्यापन नहीं किया क्योंकि साधारण अनुभव में “अस्ति” और “नास्ति” पद परिच्छिन्न गोचर में ही सार्थक होते हैं।
- नदी की कल्लोल , सागर-वृक्ष का प्रकम्प , अत्युच्च शैल की गम्भीरता , विस्तीर्ण मरु प्रान्तर की भीषणता , मेघमाला की घन-गम्भीर नीलिमा , निबिड वनभूमि की अपरिच्छिन्न निस्तब्धता , सब ही मनुष्य की चित्तवृत्ति का संगठन करती हैं।
- विचार ( विचार से उत्पन्न आत्मसाक्षात्कार ) भी अपने से उत्पन्न और परमार्थरूप से अपने से अभिन्न ही जगदरूप शरीर को अज्ञान के विनाश द्वारा विनष्ट कर तत्त्वज्ञ पुरुषों को आत्मभूत अनावृत्त अपरिच्छिन्न परम पुरुषार्थ को प्राप्त कराता है।।
- जबतक अहम रहता है , तभी तक मनुष्य अपने को एक देश , काल आदि में देखता है … अहम् के मिटने पर एक देश , काल आदि में परिच्छिन सत्ता नहीं रहती , बल्कि अपरिच्छिन्न सत्तामात्र रहती है …
- जैसे महापर्वत ( हिमालय ) पृथिवी में पूर्व और उत्तर की सीमा से शून्य प्रदेश में स्थित अपने शरीर का अवलम्बन करके खड़ा है वैसे ही यह काल भी अपरिच्छिन्न , आदि-अन्तरहित ब्रह्म में प्रतिष्ठित अपने स्वरूप का अवलम्बन करके स्थित है।।