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अनुबोधक meaning in Hindi

pronunciation: [ anubodhek ]
अनुबोधक meaning in English

Examples

  1. अपने ये हीरो भाईसाहब भी , अनुबोधक के फुसफुसाते स्वर में उच्चारित संवाद को नज़र अंदाज़ करके , अत्यंत उत्तेजित होकर , तत्काल अपने नये संवाद बना कर पेश करने लगे ..
  2. अनुबोधक व्यापक और आमतौर पर तात्त्विक होते हैं और ये कुछ इस तरह से तैयार किये जाते हैं ताकि किसी भी शैक्षिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से आये छात्र के लिए वह सुगम्य हो .
  3. अनुबोधक व्यापक और आमतौर पर तात्त्विक होते हैं और ये कुछ इस तरह से तैयार किये जाते हैं ताकि किसी भी शैक्षिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से आये छात्र के लिए वह सुगम्य हो .
  4. अंक 8 सकारात्मक : यश , शक्ति , सत्ता , सौभाग्य , दानशीलता , परोपकारी , बुद्धिमान , नेतृत्व , आध्यात्मिक , साहसी , मददगार , अनुबोधक , अति महत्वाकांक्षी , समझदार , सफल , ईमानदार , निष्कपट।
  5. अंक 8 सकारात्मक : यश , शक्ति , सत्ता , सौभाग्य , दानशीलता , परोपकारी , बुद्धिमान , नेतृत्व , आध्यात्मिक , साहसी , मददगार , अनुबोधक , अति महत्वाकांक्षी , समझदार , सफल , ईमानदार , निष्कपट।
  6. ! ! यह देखकर नेपथ्य में से अनुबोधक ( prompter ) ने अपना दिमाग दौड़ाया और एक समर्पित कलाकार की भाँति , हीरो उर्फ़ निर्माता उर्फ़ दिग्दर्शक उर्फ़ इन्स्पेक्टर को असली स्क्रिप्ट में से , धीरे से फुसफुसाते हुए , असली संवाद याद कराने लगा ..
  7. यहाँ नाटक के हीरो के मन में , ये बैठ गया कि , सारे नाटक की बदनामी सिर्फ और सिर्फ अनुबोधक की बेवकूफी की वजह से हुई है ? नाटक का मालिक-निर्माता-दिग्दर्शक-हीरो , स्टेज के पिछे बैठे अनुबोधक ( प्रोम्प्टर ) के पास भागता हुआ पहुँचा और क्रोध से तिल-मिला कर बोला ,
  8. यहाँ नाटक के हीरो के मन में , ये बैठ गया कि , सारे नाटक की बदनामी सिर्फ और सिर्फ अनुबोधक की बेवकूफी की वजह से हुई है ? नाटक का मालिक-निर्माता-दिग्दर्शक-हीरो , स्टेज के पिछे बैठे अनुबोधक ( प्रोम्प्टर ) के पास भागता हुआ पहुँचा और क्रोध से तिल-मिला कर बोला ,
  9. अब तक , अपने नये संवाद बना कर पेश कर रहे हीरो को , अनुबोधक की आवाज़ ख़लल सी लगने लगी और दर्शकों की ज्यादा सेज्यादा तालियाँ बटोरने के चक्कर में , हीरो अब न तो नये संवाद बना पा रहा था , ना ही वह स्क्रिप्ट के असली संवाद याद कर पाता था ?
  10. अब तक , अपने नये संवाद बना कर पेश कर रहे हीरो को , अनुबोधक की आवाज़ ख़लल सी लगने लगी और दर्शकों की ज्यादा सेज्यादा तालियाँ बटोरने के चक्कर में , हीरो अब न तो नये संवाद बना पा रहा था , ना ही वह स्क्रिप्ट के असली संवाद याद कर पाता था ?
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