अनित्यत्व meaning in Hindi
pronunciation: [ aniteytev ]
Examples
- अनित्यत्व अपवित्र दुख , अनात्म में क्रमशः नित्यत्व, पवित्रता, सुख तथा आत्मभाव की बुद्धि का होना अविद्या है ॥५॥
- अनित्यत्व अपवित्र दुख , अनात्म में क्रमशः नित्यत्व, पवित्रता, सुख तथा आत्मभाव की बुद्धि का होना अविद्या है ॥५॥
- यह उपाधि का लक्षण कार्यत्व हेतु में अतिव्याप्त होने लगेगा क्योंकि अनित्यत्व का व्यापक कार्यत्व भी होता है।
- इस मत के अनुसार आकाश से लेकर दीपक पर्यंत समस्त पदार्थ नित्यत्व और अनित्यत्व आदि उभय धर्म युक्त है।
- इस मत के अनुसार आकाश से लेकर दीपक पर्यंत समस्त पदार्थ नित्यत्व और अनित्यत्व आदि उभय धर्म युक्त है।
- अश्रावणत्व जहाँ जहाँ है वहाँ वहाँ आत्मा आदि में अनित्यत्व के न रहने से अश्रावणत्व का व्यापकत्व साध्य-अनित्यत्व में नहीं होता है।
- यदि साधनाव्यापकत्व विशेषण उपाधि के लक्षण में दे दें तो कार्यत्व अनित्यत्व के व्यापक होने पर भी कार्यत्व का अव्यापक नहीं है।
- तात्पर्य है , साध्य-साधन दोनों का परस्पर व्याप्य-व्यापकभाव हो, जैसे -‘उत्पतिमत्त्व' (उत्पत्ति वाला) हेतु से घट (घड़ा) का अनित्यत्व सिद्ध किया जाता है -‘घटः अनित्यः, उत्पत्तिमत्त्व ' .
- नीचे की ओर से देखने पर ( द्वंद्व तथा अनेकत्व के दृष्टिकोण से) भगवान से विलग होकर, यह जगत बौध्दधर्म की धारणा के अनुरूप ही दु:ख, दौर्मनस्य, अनित्यत्व तथा वेदना का आगार है।
- स्याद्वाद का अर्थ है अनेकांतवाद अर्थात् एक ही पदार्थ में नित्यत्व और अनित्यत्व , सादृश्य और विरुपत्व , सत्व और असत्व , अभिलाष्यत्व और अनभिलाष्यत्व आदि परस्पर भिन्न धर्मों का सापेक्ष स्वीकार ।