सहिजन sentence in Hindi
pronunciation: [ sahijan ]
Examples
- पीपल वृक्ष की अन्तरछाल, केले का पंचांग (फूल, पत्ते, तना, फल व जड़), सहिजन के पत्ते, अनार की जड़ और अनार के छिलके, खम्भारी की अन्तरछाल, कूठ और कनेर की जड़, सब 10-10 ग्राम।
- जौ, गेहूँ, एक वर्ष पुराने चावल, परवल, सहिजन, जमीकंद, करेला, शिमला मिर्च, पुनर्नवा, मेथी, बथुआ, सुआ, पुदीना, बैंगन, लौकी (घीया), पेठा, तोरई आदि पचने में हलके व वायुशामक पदार्थ सेवनीय हैं।
- पथ्य: लकवाग्रस्त रोगी के लिए गाय या बकरी का दूध व घी, पुराना चावल, गेहूँ, तिल, परवल, सहिजन की फली, लहसुन, उड़द या मूंग की दाल, पका अनार, खजूर, मुनक्का, अंजीर, आम, फालसा आदि का सेवन करना, तेल मालिश करना और गर्म जल से स्नान करना व गर्म पानी पीना पथ्य है।
- इन पौष्टिक लड्डुओं को बनाने के तरीके इस प्रकार हैं-60 ग्राम गेहूँ का आटा, 50 ग्राम बंगाली चने की छाल, 20 ग्राम रागी का आटा, 20 ग्राम सहिजन (सुरजने) के सूखे पत्ते, गुड़ 40 ग्राम, इन सभी चीजों को 10 ग्राम तिल्ली के तेल में भूनकर अच्छी तरह मिलाकर लड्डू बना लें।
- इन पौष्टिक लड्डुओं को बनाने के तरीके इस प्रकार हैं-60 ग्राम गेहूँ का आटा, 50 ग्राम बंगाली चने की छाल, 20 ग्राम रागी का आटा, 20 ग्राम सहिजन (सुरजने) के सूखे पत्ते, गुड़ 40 ग्राम, इन सभी चीजों को 10 ग्राम तिल्ली के तेल में भूनकर अच्छी तरह मिलाकर लड्डू बना लें।
- इसके अलावा इस ऋतु मे लघु और रुक्ष आहार लाभकारी होता है जैसे की-पूराने अन्न जौ, पूराना चावल, बजारा, मूंग, कूल्थी, अरहर, पालक, बैंगन, सहिजन, मेथी, परवर, लहसून, अदरख, प्याज, मूली, गाजर, हल्दी, अनारदाना, पेठा, बकरी काअ दूध, कड़ी, बकरे का मांस, सूखी मछलियां, तन्दुरी चिकन, केदड़ा, अदरख सिद्ध जल, अजवायन, जीरा, कालीमिर्च, सरसों इलायची और शहद सदा ही सेवनीय होती हैं ।
- ता-मोरंग, अं-हार्स राडिस, और ले-मोरिंगा टेरिगोस्पर्मा | विशेष विवरण-सहिजन का पेड़ बहुत बड़ा होता है | इसकी पत्ती छोटी होती है | इसके फूल गोल और गुच्छे दार होते हैं | इसका फल लम्बा और चिपटा होता है | इसका बीज सफेद और तीकोना होता है | इसके कोमल पत्ते,फूल और फल की तरकारी बनाई जाती है | यह औषध के काम में आता है | गुण-
- अचानक जोरों से बारिश होने लगी इसी बीच एक बंदर पास ही खड़े सहिजन के पेड़ पर आकर बैठ गया उसने पेड़ के पत्तों में छिपकर बचने की बहुत कोशिश की लेकिन बच नहीं सका वह ठंड से कांपने लगा तभी बया ने बंदर से कहा कि हम तो छोटे जीव हैं फिर भी घोंसला बनाकर रहते है तुम तो मनुष्य के पूर्वज हो फिर भी इधर उधर भटकते फिरते हो तुम्हें भी अपना कोई ठिकाना बनाना चाहिए।