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लांछना sentence in Hindi

pronunciation: [ lamchana ]
लांछना meaning in English

Examples

  1. रोज़मर्रा के हमारे कुलबुलाते पाप, हमारी लज्जास्पद मूर्खताएं और असफलताएं, अपने प्रिय लोगों की आंखों में झूठ और घृणा देखने की पीड़ा, वे लोग जिन पर हम लांछना लगाते हैं, और वे लोग जो हम पर लांछन लगाते हैं...
  2. वे चाहतीं तो एक सरल सुरक्षित जीवन का आसान रास्ता उनकी पहुँच से दूर न था, लेकिन उन्होंने पूरी अभिव्यक्ति का जोखिम भरा मुश्किल रास्ता चुना और इसके एवज में एक दारुण आत्मनिर्वासित और बहिष्कृत जीवन की आत्महंता लांछना और पीड़ा को क़ुबूल किया.
  3. ऐतिहासिक प्रमाणिकता दर्शाती है कि सदियों से आदिवासियों का अपमान, अन्याय, प्रताड़ना और लांछना का सामना करना पड़ता है और निर्दोष होते हुए भी सजा भुगतना पड़ता है, जो वर्तमान संदर्भ में भी देश के विभिन्न भागों में दोहराई जा रही है।
  4. वे चाहतीं तो एक सरल सुरक्षित जीवन का आसान रास्ता उनकी पहुँच से दूर न था, लेकिन उन्होंने पूरी अभिव्यक्ति का जोखिम भरा मुश्किल रास्ता चुना और इसके एवज में एक दारुण आत्मनिर्वासित और बहिष्कृत जीवन की आत्महंता लांछना और पीड़ा को क़ुबूल किया.
  5. उनकी लांछना, इस काले चमड़े के नीचे कम जलन पैदा नहीं करती तलवलकर! जो लोग इन जघन्य अत्याचारों से हमारी माताओं, बहनों और भाइयों का उध्दार करना चाहते हैं, उनको अपना कहकर पुकारने में जो भी कष्ट पड़े, मैं सहर्ष झेलने को तैयार हूं।
  6. @ कविता, बिम्ब चुने ठीक! बात कही ठीक! पर यह अंश अंश सत्य है सार्वजनीन सत्य नहीं है इस तरह के सरलीकरण से समूचे समाज पर लांछना ध्वनित होती है! नि: संदेह यह समस्या है पर उसके लिए पूरे समाज को एक ही लाठी से नहीं हांका जा सकता!
  7. हमारी नीचता और रोज़मर्रा के हमारे कुलबुलाते हमारी लज्जास्पद मूर्खताएं और असफलताएं, अपने प्रिय लोगों की आंखों में झूठ और घृणा देखने की पीड़ा, वे लोग जिन पर हम लांछना लगाते हैं, और वे लोग जो हम पर लांछन लगाते हैं...ये सब चीजें रात की सुप्त घड़ियों में चुपचाप चेतना के नीचे बह जाती है।
  8. हमारी नीचता और कायरता...रोज़मर्रा के हमारे कुलबुलाते पाप, हमारी लज्जास्पद मूर्खताएं और असफलताएं, अपने प्रिय लोगों की आंखों में झूठ और घृणा देखने की पीड़ा, वे लोग जिन पर हम लांछना लगाते हैं, और वे लोग जो हम पर लांछन लगाते हैं...ये सब चीजें रात की सुप्त घड़ियों में चुपचाप चेतना के नीचे बह जाती है।
  9. अगली सदी में, औपनिवेशिक विजय के युग में, इसी पिटे पिटाये शाही आभिजात्य के आखि़री अवशेष की तरह मिर्जा गालिब एक ज्यादा विडंबनामय जमीन पर खड़े हुए इसी तरह की आत्मपीड़ा, लांछना, नैतिकत्रास और sense of loss से गुजरते हैं और तुच्छताओं में घिर कर घिसटते अपने अस्तित्व के साथ मनुष्य की उद्दीप्त आत्मगरिमा की लौ को बचाते और प्रतिभासित करते चलते हैं।
  10. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश की राजधानी में जब राज्य स्थापना के शताब्दी समारोह के शुभारंभ के मौके पर यह कहा कि अगर बिहारी दिल्ली में एक दिन काम बंद कर दें तो यह महानगर ठहर जाएगा, कहीं न कहीं उस लांछना का ही राजनीतिक शैली में दिया गया जवाब था, जो पिछले वर्षों में दिल्ली और मुंबई में बिहारी अस्मिता को चोटिल करने के लिए लगाए गए थे।
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