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मँगाना sentence in Hindi

pronunciation: [ mamgana ]
मँगाना meaning in English

Examples

  1. मैंने अपने सभी परिचितों में कह रखा था कि यदि कोई भारत गया हो तो बता दें, क्यों कि हमें एक छोटा मसाले का पैकेट मँगाना है जिसे मसाला होने के कारण सीधे कूरियर से नहीं मँगाया जा सकता।
  2. (इससे पहले वाली आयत के अनुसार लोगों का खाना मँगाना खाने और विश्वास करने के लिये था, जिसमें खाने को पहले रखा गया था, हज़रते ईसा ने खाना मँगाया ताकि ईद हो, लोगों को विश्वास हो जाये, लोगों के लिये निशानी हो, और सब लोग खायें।
  3. अर्थव्यवस्था ने सरकार के जनकार्य को रोककर अनुग्रह उपकार किया और इस उद्देश्य से 17 जुलाई को आदेश निकाले, एक ही समय में बहुत बडी संख्या में मनुष्यों की सेवाएँ समाप्त कर दी गई क्योंकि वर्षा की आशंका तथा बाहर से अन्न मँगाना आमतौर पर बहुत महँगा था।
  4. तरह-तरह के पौधे और वनस्पतियाँ विदेशों से महँगे दामों मँगाना और उनको पालना ; यही उनका मानसिक चटोरापन था या इसे दिमाग़ी ऐयाशी कहें ; मगर इधर कई महीनों से उस बग़ीचे की ओर से भी वह कुछ विरक्त-से हो रहे थे और घर का इन्तज़ाम और भी बदतर हो गया था।
  5. मेरी गन्दी आदत पे मुझे पैसे देने से मना कर देना, पर मेरी बर्थ-डे पर अपने जोड़े हुए पैसों से चुपके से मेरे लिए साइकिल मँगाना, मेरी हर गलत आदत पर डाँटना मुझको, पर बुखार के समय घंटों मेरे बगल में बैठकर वो सिर पर पट्टियाँ बदलना |
  6. (इससे पहले वाली आयत के अनुसार लोगों का खाना मँगाना खाने और विश्वास करने के लिये था, जिसमें खाने को पहले रखा गया था, हज़रते ईसा ने खाना मँगाया ताकि ईद हो, लोगों को विश्वास हो जाये, लोगों के लिये निशानी हो, और सब लोग खायें।
  7. आपकी पुस्तक का flipkart लिंक-उनकी नजर है हम पर-http: //www.flipkart.com/books/8191038528?_l=b3JUm9Vsc9d2jQzOHTXUhw-&_r=q0z9FKSAm15_zCGhZRG0TA-&ref=a39c3bbc-1256-437a-90c2-c366175e7b24 प्लिपकार्ट पर आपके नाम का पेज-http://www.flipkart.com/author/aruna-kapoor हिंद-युग्म की सभी किताबों का संक्षिप्त विवरण-http://www.flipkart.com/search-books/hind+yugm आप इन लिंकों को अपने प्रसंशकों को भेजकर उन्हें यह सूचित कर सकते हैं कि यदि वे इस पुस्तक को भारत में कहीं भी मँगाना चाहें तो मँगा सकते हैं।
  8. “तो ठीक है, पनीर कटलेट, बेजीटेबिल बर्गर, मटन चाप और हाँ कसाटा मँगाना मत भूलना।'' ‘‘हाँ, वो सुबह तुम क्या कह रही थी?'' प्रणय ने जैसे अनिच्छा से पूछा। ‘‘मैं...... कुछ खास नहीं..............”, प्रिया ने जानबूझकर बात अधूरी छोड़ी लेकिन प्रणय ने भी मानो बात टालने की गरज से प्रिया द्वारा खरीदे उपन्यास को उठाया और उपन्यास का शीर्षक नो रूम फार लोनलीनेस देखकर एक गहरी साँस छोड़ी।
  9. -नही, सरकारो से सम्मान नही मँगाना चाहिए, और अगर कोई सरकार देना भी चाहे तो इसी गारंटी के साथ लेना की आगे चलकर वे या उनके चमचे किसी भी कारण से लौटाने की मांग नही करेंगे,,,? क्यो की सरकारे समझती है की यह सारे सम्मान, पुरस्कार उनकी जागीरे है, और इसे देकर वे एहसान कर रहे है, और अपने हक मे व्यक्ति को खरीद रहे है, इससे तो अच्छा है लोगो का, जनता का बिना मांगे दिया हुआ सम्मान और प्यार,,,,,,,,?
  10. इसी तरह से यह महाजन लोग बादी का रोग जमीन माता को कर देते है जब उनको किसी खजानों या मंदिर और मंदिर की पुतलियाँ वगैरा और फकीर वगैरो को जल्दी खेंचना मंजूर होवे तो जमीन माता को बादी की चीस का रोग कर देते है कि वोह चीस फौरन खींच के चली जाती है, जिस जगह पर खेंच के मँगाना और निकालना मंजूर होवे, फौरन जमीन फटके अन्दर ही अन्दर में जमीन के उस जगह पर पहुँचकर बाहिर जमीन के निकल जाते है;
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