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बहुत ही ईमानदार sentence in Hindi

pronunciation: [ bahut hi imanadar ]
बहुत ही ईमानदार meaning in English

Examples

  1. सिंह के प्रति बहुत ही तल्ख रवैया अपनाते हुए सिन्हा ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री को बहुत ही ईमानदार व्यक्ति कहा जाता है, लेकिन जो मनमोहन सिंह को जानते हैं, उन्हें मालूम है कि वह किसी कीमत पर गद्दी छोड़ने वाले नहीं हैं।
  2. वैगी ने शोर मचाना शुरू कर दिया | घर के सभी लोग जाग गए | घर का मालिक बहुत ही ईमानदार व शरीफ इंसान था | वह पूछने लगा-“ आप हमारे मेहमान हैं, क्या बात हो गई, जिससे आप इतने नाराज हैं? ”
  3. पर सुधीर ने बहुत ही ईमानदार और समझदार तरीके से शादी से पहले ही मुझ को अपने परिवार की हैसियत, उसकी सीमाएं, समस्यायें, असुविधाएं, दोनों परिवारों के बीच का अन्तर, अपने माता पिता के त्याग, सब अच्छी तरह से समझा दिए थे।
  4. डॉ कौशलेन्द्र जी....???? अब अपना प्रोफाइल परिचय ठीक कर लें....प्ल्ज न आप तस्वीर लगते हैं न परिचय ठीक से दिया है.... भ्रम तो बनेगा ही...:)) डॉ दराल जी ये बस्तर में आयुर्वेद अस्पताल में कार्यरत बहुत ही ईमानदार डॉ हैं बिलकुल आपकी तरह....
  5. वास्तव में प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का नाम देस के सामने एक बहुत ही ईमानदार छबी रखने बाले बड़े ही बिद्वान और संत प्रधानमन्त्री के रूप में सुमार है जिसका फायदा कांग्रेस नेत्री और सत्तारूढ़ दल की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी को सहज ही मिल भी जाता है.
  6. उसे चोरी करने मैं बड़ा मजा आता था चोर, चोरी अपनी मालकिन के कहने पर ही करता था चोर था बहुत ही ईमानदार सब लोग उसको बहुत ही इमानदार समझते थे पता नहीं अपने लिए कुछ करता था या नहीं लकिन मालकिन का वह आज कल सबसे वफादार है...
  7. उसी राज्य का एक बहुत ही ईमानदार और सम्माननीय समाज सेवी डॉक्टर एहमदी (प्रसेनजीत चैटरजी) वहां की सरकार पर इल्जाम लगाते हुए कहता है कि सरकार एक एसईज़ी प्रोजेक्ट के लिए ज़मीन का बहुत ही बड़ा हिस्सा प्रयोग कर रही है वो भी वहां पर रह रहे लोगों को बिना मुनासिब मुआवज़ा दिए।
  8. इस बात में कोई शक नहीं कि डॉ. मनमोहन सिंह बहुत ही ईमानदार व्यक्ति थे लेकिन उनकी ईमानदारी से हमें क्या फायदा? वो ना तो इस ईमानदारी कि वज़ह से देश को ईमानदार बना रहे हैं और ना ही ईमानदार व्यक्तियों को रक्षा मिल पा रही है फिर ऐसी ईमानदारी और ऐसी सज्जनता किस काम की।
  9. क्यूंकि यह सब मेरे मन के बहुत करीब है … बहुत नज़दीक से देखा है यह सब मैंने … मेरे पिताजी एक बहुत ही ईमानदार सरकारी पदाधिकारी थे … उन्हें भी ये सारी मुसीबतें झेलनी पड़ती थीं … अकसर घर में ऐसे ही उदगार उनके मुहँ से भी निकलते थे … पहले तो मतगणना मैन्युअल होती थी … पूरी पूरी रात चलती थी … दिन भर ऑफिस का काम और रात भर जागरणपर सभी जगह यही हाल है …
  10. पहले के लोग बहुत ही ईमानदार होते थे, जैसा आपने किसान वाली कहानी सुनाई! अब तो घरवाले भी विश्वास नहीं करते किसी और को तो क्या कहें, ख़ुशी की बात ये है की आपने दिल की बात मानी और उससे आपका फायदा भी हो गया! मैंने सुना है की कोई भी काम अच्छा या बुरा करने से पहले एक चेतावनी जरुर मिलती है कोई समझे या न समझे पर आप ने समझ लिया! नुक्सान से बच गए!
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