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पुनरुज्जीवन sentence in Hindi

pronunciation: [ punarujivan ]
पुनरुज्जीवन meaning in English

Examples

  1. और तुम अपनी नियति को उपलब्धख हो गए हो, उस दिन मैं प्रसन्नतापूर्वक यह शरीर छोड़ दूँगा कि तुम सबके लिए यह महातीर्थ यात्रा-यहां से यहां तक, सूली से पुनरुज्जीवन तक।
  2. अहिल्या का पुनरुज्जीवन, एक ठंडे प्रस्तर से मांसल मानवीय ऊष्मा की ओर उसका जागरण, भक्तिसाधना के प्रभाव से परमात्मा में उपस्थित अपने रूप के प्रति आत्मा की जागरूकता का अंकन बन जाता है।
  3. इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब भी ऐसे मनुष्यों की संख्या सीमा से आगे बढ़ी है तो उस समाज में भारी उथल-पुथल हुआ है, समाज का कायाकल्प हुआ है और उसने पुनरुज्जीवन प्राप्त किया है।
  4. रिएक्टरों का उपयोग करता है एक स्वच्छ हवा ' तम्बू', एक रोगी के बिस्तर के आसपास संक्रामक कीटाणुओं के मुफ्त प्रदान इम्युनो-रुधिर विज्ञान, ऑन्कोलॉजी, पुनरुज्जीवन और प्रत्यारोपण अस्पताल विभागों के लिए मुख्य रूप से लक्षित है.”
  5. यह एक निशानी और प्रमाण है कि अल्लाह जब चाहे मृत को पुनरुज्जीवन प्रदान कर सकता है अतः परलोक के लिए मनुष्यों को पुनः जीवित कर देना उसके लिए असंभव कौन कहे, ज़रा-सा मुश्किल भी नहीं है।
  6. उत्तर-मध्य युग ; 6. राजपूत युग 7. मुगलशैली से पहले ; 8. मुगलशैली ; 9 पहाड़ी शैली ; 10. भारतीय शैली का विस्तार और अनुकरण ; 11 राष्ट्रीय पुनरुज्जीवन युग ; 12. वर्तमान युग।
  7. विज्ञान व तकनीकी विषयों के अध्ययन-अध्यापन में तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन नालंदा के पुनरुज्जीवन की सार्थकता तो उस अध्ययन-अध्यापन में निहित है, जो इतिहास की धार्मिक रुढ़ियों को तोड़कर व्यापक मनुष्यता की स्थापना करने वाली हो।
  8. फिर उन कर्मों के पुनरुज्जीवन और दुबारा कर्म व्यवस्था की स्थापना हो तो कैसे हो? इस प्रश्न को प्रतीकात्मक और स्थानीय बिंबों एवं उदाहरणों के द्वारा बहुत सरल ढंग से वैष्णवों ने समझाने और सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की है।
  9. एलआईसी की तमाम २ ० ४ ८ शाखाएं पूरी तरह कंप्यूटरीकृत हैं और पालिसी सर्विसिंग के काम करती हैं और नयी पालिसियां लाने, नवीनीकरण, पुनरुज्जीवन, कर्ज वगैरह से लेकर क्लेम दावों का निपटारा करने तक हर सेवा तत्परता से प्रदान करती हैं.
  10. ऐसी अवस्था में तत्कालीन उपलब्ध महाभारत के भागों की खोज करने तथा ग्रन्थ में जहाँ तहाँ अपूर्णता, अशुद्धियाँ और त्रुटुयाँ देख पड़ी, वहाँ वहाँ उनका संशोधन और उनकी पूर्ति करके तथा अनुक्रमणिका आदि जोड़कर वादनारायणाचार्य ने इस ग्रन्थ का पुनरुज्जीवन किया है अथवा उसे वर्तमान स्वरुप दिया हो।
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