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परभाव sentence in Hindi

pronunciation: [ parabhav ]
परभाव meaning in English

Examples

  1. कारसेवकों पर मुस्लिम लोगों द्वारा नरसंघार किया गया था तब तो कोई नेता या काटजू पर कोई प्रभाव नही पडा परंतु उसके बदले में जब हिन्दूओ द्वारा गोधरा काण्ड पर सभी नेता तथा काटजू पर परभाव पड़ा इन सभी को डूब मरना चाहिये-कंसल सुधीर
  2. पूरी तरह ब्राह्मनों के परभाव में उस जुग का राजा भी जब अपने वरन-धरम से मुख नहीं मोड़ सकता था, ऐसे में भला राजा की अनुचरी रानी तारामती की भला क्या बिसात? अंततः रानी सतजुगी सत्ता की बलिहारी मान शांत हो गई थीं।
  3. उसका महल कितना सुन्दर था, उपवन कितने नयनाभिराम थे, सेनायें कितनी असंख्य और नयेनये अस्त्रशस्त्रों से कितनी सजी हुई थीं, कोष कितना असीम था, उसमें कितने हीरेजवाहर भरे हुए थे! किन्तु सीताजी पर इस सेना का भी कुछ परभाव न हुआ।
  4. आपने एक बार भी ए न्ही कहा की लोग मोदी को वोट ना दे कर किसे वोट दे ओर क्यूं दे अग्र आप ए लिखते तो ए लेख ज्यादा परभाव करी होता आपने कुछ भी अलग न्ही लिखा उनके बारे म जो हम बिकी हुए मीडिया मे ना सुनते हो..
  5. क्षमा, मार्दव (अहंकाररहित), आर्जव (सरलता), सत्य, शौच (शुद्धि), संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य (बुराइयों का त्याग) और ब्रह्मचर्य जैसे दस लक्षण शुद्धात्मा के स्वभाव हैं, किंतु हम अपने निज स्वभाव को भूलकर परभाव में डूबे रहते हैं।
  6. इस आथिक युग मे हर आदमी पैसा से परेशान है, आदमी को दिमागी काम से डर लगता है, मेहनत से डर लगता है, वह केवल छीन कर लूट कर खाना चाहता है, यह सब जानवरी परभाव है, बोतल के दूध से मिला जानवरी पदारथों का असर है, मांस मदिरा का असर है।
  7. सीताजी ने जब देखा कि इस अत्याचारी पर क्रोध का कोई परभाव नहीं हुआ और यह रथ को भगाये ही लिये जाता है, तो अनुनयविनय करने लगीं-तुम इतने बड़े राजा होकर भी धर्म का लेशमात्र भी विचार नहीं करते! मैंने सुना है कि तुम बड़े विद्वान और शिवजी के भक्त हो और तुम्हारे पिता पुलस्त्य ऋषि थे।
  8. मस्ती जैसी फिल्मो को हिट करवाने मिने भी जनता का ही हाथ है, अच्छे साहित्य को उतने दर्शक नहीं मिलते इससे क्या ज़ाहिर होता है लफ्जों में कहना उचित नहीं है, एक बार शुश्मिता सेन ने एक साक्षात्कार में कहा था अगर वो हमेशा सारी पहनेगी तो दर्शक उन्हें देखना बंद करदेंगे, दर्शक की सोच पे किसका परभाव है ये भी एक विचार करने वाली बात है....
  9. हम क्षेत्रीय बोलियो का अध्ययन और उसकी पारस्परिक सम्मानता का तुल्नात्मत अध्ययन कर रहे हैं किसी विशेष क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली की स्वाभाविक ध्वनियों की विभिन्नता को खोजकर उन पद्धतियों पर बिचार किया गया है जिनके आधार पर क्षेत्रीय बोलिओं की ध्वनियों की कार्यकारिता तथा परभाव व प्रयोग पर बिचार किया जा सके क्षेत्र में प्रयोग की जनि वाली ध्वनियां ही स्वर के रूप में लय, सुर, सुर्लाहर, आरोह, अवरोह, बलाघात, आदि के रूप में प्रयोग की जाती हैं.
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