×

निरुक्ति sentence in Hindi

pronunciation: [ nirukti ]
निरुक्ति meaning in English

Examples

  1. किताब: सामर्थ्य और सीमा (भगवती चरण वर्मा), नाच्यो बहुत गोपाल (अमृतलाल नागर), फ्रीडम एट मिडनाइट (लैरी कॉलिंस, डोमिनिक लॉपियरे), हिन्दी निरुक्ति (आचार्य किशोरीदास वाजपेयी), अनामदास का पोथा (हजारी प्रसाद द्विवेदी) और न जाने कितनी किताबें इस सूची में जुड़ सकती हैं।
  2. ‘ अद्वयतारक उपनिषद् ' में ‘ गुरु ' शब्द की निरुक्ति बताकर इसका प्रतीकात्मक अर्थ इस प्रकार दर्शाया गया है: ‘ गु ' शब्द का अर्थ है ‘ अंधकार ' और ‘ रु ' शब्द का अर्थ है ‘ रोकने वाला ' ।
  3. “ अवस्था ” का अर्थ होता है-दशा, हालत, स्थिति, समय, काल, आयु, उम्र, वेदांत दर्शन, निरुक्ति, स्मृति और कामशास्त्र के अनुसार मनुष्य की क्रमशः चार, छह, आठ और दस अवस्थाएँ होती है।
  4. इस परिच्छेद का मुख्य प्रतिपाद्य तो भगवान का यह कहना है कि ' तथागत नाना निरुक्ति और निदर्शनों (उदाहरणों) से, विविध उपायों से नाना अधिमुक्ति, रुचि और (बुद्धि की) क्षमता वाले सत्वों को सद्धर्म का प्रकाशन करते हैं।
  5. भरत ने नाट्यघरों में अभिनय शब्द की निरुक्ति करते हुए कहा है: “अभिनय शब्द 'णीञ्' धातु में 'अभि' उपसर्ग लगाकर बना है जिसका अर्थ है पद या शब्द के भाव को मुख्य अर्थ तक पहुँचाना अर्थात् दर्शकों के हृदय में अनेक अर्थ या भाव भरना”।
  6. वैदिक पदानुक्रम कोश (संहिता भाग) में उग्र और ओज, दोनों शब्दों का वर्गीकरण उज धातु के अन्तर्गत किया गया है, जबकि ऋग्वेद १. ७. ४ के सायण भाष्य में उग्र की निरुक्ति उच समवाये द्वारा की गई है ।
  7. भरत ने नाट्यघरों में अभिनय शब्द की निरुक्ति करते हुए कहा है: “अभिनय शब्द 'णीञ्' धातु में 'अभि' उपसर्ग लगाकर बना है जिसका अर्थ है पद या शब्द के भाव को मुख्य अर्थ तक पहुँचाना अर्थात् दर्शकों के हृदय में अनेक अर्थ या भाव भरना”।
  8. वैसे ही व्याकरण के कुछ स्त्रीवाची पारिभाषिक शब्द ‘ वृत्ति ', ‘ संधि ', ‘ संज्ञा ', ‘ क्रिया ', ‘ व्युत्पत्ति ', ‘ निरुक्ति ' आदि भी हैं जो अब व्युत्पत्यर्थ बंधन से मुक्त होकर तकनीकी शब्द मात्र बन चुके हैं।
  9. प्रकारांतर में त्रिपुरा की निरुक्ति है-त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर शिव) की जननी होने से, त्रयी (ऋक्, साम, यजु,) वेदमयी होने से, महाप्रलय की त्रिलोकी को अपने में लीन करने से जगदम्बा ' श्री विद्या ' ही त्रिपुरा हैं।
  10. (विस्तार के लिये देखिए ; दिनेश्वर प्रसाद एवं श्रवण कुमार गोस्वामी द्वारा संपादित डाॅ. कामिल बुल्के स्मृति ग्रंथ में मेरा निबंध-कुछ खड़िया शब्दों की निरुक्ति) भाषा वैज्ञानिक अध्ययन के एक दूसरे दृष्टिकोण और दूसरे ढांचे की जरूरत को सिद्ध करने के लिये रामविलासजी ने तथ्य और तर्क दोनों पेश किये हैं।
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.