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आद्यंत sentence in Hindi

pronunciation: [ adyamta ]
आद्यंत meaning in English

Examples

  1. पितामह ने उसे आचार्य गुणानिधि के एक आलेख के कुछ अंशों को सुनाना आरंभ किया-सौ करोड से भी अधिक संतानों द्वारा आय्र्यावर्त्त-भारत-इंडिया जैसे नामों से पुकारी गयी, मैं रत्नगर्भा-गौरवमंडित, पवित्र भारतभूमि हूं, जो आद्यंत क्षमा है, उर्वरा है;
  2. पितामह ने उसे आचार्य गुणानिधि के एक आलेख के कुछ अंशों को सुनाना आरंभ किया-सौ करोड से भी अधिक संतानों द्वारा आय्र्यावर्त्त-भारत-इंडिया जैसे नामों से पुकारी गयी, मैं रत्नगर्भा-गौरवमंडित, पवित्र भारतभूमि हूं, जो आद्यंत क्षमा है, उर्वरा है; उत्सर्गवती है।
  3. आदमी की वकालत करती ग़ज़लें: एक सार्थक प्रयास “सैंकड़ों हिन्दी ग़ज़लों से गुज़रते हुए काफ़ी अर्से बाद मुझे द्विजेन्द्र 'द्विज' की ग़ज़लों ने कहीं गहरे तक प्रभावित किया है और मैंने उनके पहले ग़ज़ल संग्रह 'जन-गण-मन' की सभी ग़ज़लों को आद्यंत पढ़ा ।
  4. आदमी की वकालत करती ग़ज़लें: एक सार्थक प्रयास ” सैंकड़ों हिन्दी ग़ज़लों से गुज़रते हुए काफ़ी अर्से बाद मुझे द्विजेन्द्र ' द्विज ' की ग़ज़लों ने कहीं गहरे तक प्रभावित किया है और मैंने उनके पहले ग़ज़ल संग्रह ' जन-गण-मन ' की सभी ग़ज़लों को आद्यंत पढ़ा ।
  5. दरअसल संग्रह की दूसरी कविता से जिस संशय की शुरुआत होती है, वह आद्यंत बरकरार रहता है-‘जानता हूं अब असली चीजें नहीं मिलती बाजार में/ चांदनी चैक से करोल बाग तक/ नकली चीजों से अंटी पड़ी हैं दुकानें/ नकली लोग/ नकली दोस्ती/ नकली आत्मीयता/ और यह प्रेम भी/ अगर निकला नकली!'
  6. डॉ. वेणुगोपाल ने ' अधबुनी रस्सी ' को ‘ मैला आँचल ' और ‘ अलग अलग वैतरणी ' की परंपरा में रखा है, मैं इस सूची में ‘ राग दरबारी ' को भी जोड़ना चाहूँगा क्योंकि अत्यंत महीन व्यंग्य भी रस्सी की बुनावट में आद्यंत शामिल है जो गाहे बगाहे पाठक की संवेदना को चीरता चलता है।
  7. परंतु साथ ही उनकी हिंदू चेतना को गहरा धक्का भी लगा ; उन्होंने देखा कि भारत के महान धर्म-चिंतन और दर्शन को यदि अपनी खोयी हुई श्रेष्ठता और गतिशीलता प्राप्त करनी है और उसे पश् चिम के आवरण को भेद कर उसमें नया बीज बोना है, तो हमें तत्काल उसका आद्यंत पुनस्संगठन करना होगा-यही विचार वह 1893 में एक बार मद्रास में भी प्रकट कर चुके थे.
  8. किसी दर्पस्फीत भाव से परे किन्तु दिल की गहराइयों से उसका यह कहना कितना छू जाता है हम सबको कि: कितना कठिन था फिर लौटना वहॉं सेकविता में कह पाना कब रहा आसानकविता की अपनी निजता होती है लेकिन जीवन की ऐसी निजताओं के लिए उसमेंजगह हमेशा कुछ कम पड़ जाती है (बेतवा/ अम्मा से बातें)‘कविताओं से हट कर सीधा आदमी पर आना चाहता हूँ ‘-‘समुद्र के बारे में' में संकलित इस कविता के जरिए उन्होंने अपनी जिस चाहत का इजहार किया था, उस कौल पर वे आद्यंत कायम रहे।
  9. दरअसल संग्रह की दूसरी कविता से जिस संशय की शुरुआत होती है, वह आद्यंत बरकरार रहता है-‘ जानता हूं अब असली चीजें नहीं मिलती बाजार में / चांदनी चैक से करोल बाग तक / नकली चीजों से अंटी पड़ी हैं दुकानें / नकली लोग / नकली दोस्ती / नकली आत्मीयता / और यह प्रेम भी / अगर निकला नकली! ' (बाजार में प्रेम) अंतिम कविता जैसे इसी का स्वीकार है-‘ क्या कहीं नहीं था / वह प्रेम / सिर्फ एक / खयाल था?...
  10. संवाद दो या आधिक अस्तित्वों के बीच एक पारस्परिक (reciprocal) वार्तालाप (conversation) है शब्द का मूल पांडुरंग सम्बन्धी (युनानी (Greek) भाषा में διά (diá माने के द्वारा + + λόγος (लोगोस माने वाक्) अव्धार्नैयें जैसे अर्थ आद्यंत बहने की तरह) आवश्यक्तः यह नही दर्शाते जैसे मानव इस शब्द को प्रयोग में लाने लगे हैं, उपसर्ग διά (diá-के द्वारा) और δι-(di-दो) के बीच उलझन के कारण यह समझा जाने लगा की संवाद केवल दो पक्षों के बीच होता है
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