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अचेतना sentence in Hindi

pronunciation: [ acetana ]
अचेतना meaning in English

Examples

  1. जो जागा है और जिसके भीतर सोये हुए मन का कोई भी हिस्सा नहीं बचा, जो परिपूर्ण चैतन्य से भरा है, और जिसकी अचेतना नष्ट हो गई, केवल उसकी आवाज में ही एक-स्वर सुना जा सकता है।
  2. यही कारण था कि ईश्वर ने उन्हें उनकी अचेतना से जगाने के लिए हज़रत इमरान और हज़रत हन्ना को बुढ़ापे में एक महान पुत्री प्रदान की और इसी प्रकार हज़रत ज़करिया को भी बुढ़ापे में एक पुत्र प्रदान किया।
  3. 180. जो शख्स (ब्यक्ति) अपने नफ़्स का मुहासिबा (अपनी आत्मा का आंकलन) करता है वह फ़ायदा (लाभ) उठाता है और जो ग़फ़लत (अचेतना) बरतता है वह नुक्सान में रहता है।
  4. जिन लोगों को गहरी पहचान नहीं होती और सृष्टि के बारे में उनका ज्ञान, केवल पांचों इन्द्रियों से आभास योग्य वस्तुओं तक ही सीमित होता है वह उन रोगियों की भांति होते हैं जो अचेतना व अज्ञान के रोग में ग्रस्त होते हैं।
  5. तो उसके पीछे दूसरी बात स्मरण रख लेनी जरूरी है कि मनुष्य की अचेतना में, कहीं उसके पीछे दूसरी बात आज उसे ज्ञात नहीं है तो भी, कहीं कोई गूंजती-सी धुन जरूर है जो कहती है कि अभी कोई ताला खुलता था।
  6. चेतनता के प्रथम पग पर ही मुझे ओढ़ा दिए गए आवरणों के रंध्रों में छुपे तृष्णा के असंख्य नन्हे विषधरों के निरंतर तीक्ष्ण होते गए विषदंतों से क्षत विक्षत, अचेतना के भँवर में डूबते उतराते, तुम्हारे गात को अपनी आँखों में भरना चाहता हूँ.
  7. चाहे हजार साल पहले वह चाबी कोई ताला खोलती रही हो, लेकिन मनुष्य की अचेतना में, उससे कभी ताले खुले हैं, कभी कोई खजाने उससे उपलब्ध होते हैं-इस स्मृति के कारण ही उस चाबी के बोझ को हम ढोए चले जाते हैं।
  8. चेतनता के प्रथम पग पर ही मुझे ओढ़ा दिए गए आवरणों के रंध्रों में छुपे तृष्णा के असंख्य नन्हे विषधरों के निरंतर तीक्ष्ण होते गए विषदंतों से क्षत विक्षत, अचेतना के भँवर में डूबते उतराते, तुम्हारे गात को अपनी आँखों में भरना चाहता हूँ.
  9. जब तुम्हें दुश्मनों से लड़ने के लिये बुलाता हूं तो तुम्हारी आंखे इस तरह घूमने लग जाती हैं गोया तुम मौत के गिर्दाब (मृत्यु के भवर) मों हो और जांकनी की ग़फ़्लत और मदहोशी (चन्द्रा की अचेतना एंव प्रमाद) तुम पर तारी (व्याप्त) है।
  10. और रोशनी अँधेरे का बदन ज्यों ज्वर में तपे और ज्वर की अचेतना में-हर मज़हब बड़राये हर फ़लसफ़ा लंगड़ाये हर नज़्म तुतलाये और कहना-सा चाहे कि हर सल्तनत सिक्के की होती है, बारूद की होती है और हर जन्मपत्री-आदम के जन्म की एक झूठी गवाही देती है।
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