व्यतिरेकी भाषाविज्ञान sentence in Hindi
pronunciation: [ vyatireki bhasavijnyan ]
Examples
- चूँकि व्यतिरेकी विश्लेषण अन्य भाषा शिक्षण के साथ जुड़ा हुआ है और भाषाशिक्षण अधिगम-प्रक्रिया पर निर्भर है अत: व्यतिरेकी भाषाविज्ञान मनोवैज्ञानिक आधार/या घटक की अपेक्षा रखता है ।
- अधिगम-अंतरण के सिद्धांत और व्यतिरेकी भाषाविज्ञान भाषा-अधिगम सिद्धांतों के साथ अधिगम अंतरण के सिद्धांतों का भी बड़ा महत्त्व है जो व्यतिरेकी भाषाविज्ञान के लिए मनोवैज्ञानिक आधार प्रस्तुत करते हैं.
- अधिगम-अंतरण के सिद्धांत और व्यतिरेकी भाषाविज्ञान भाषा-अधिगम सिद्धांतों के साथ अधिगम अंतरण के सिद्धांतों का भी बड़ा महत्त्व है जो व्यतिरेकी भाषाविज्ञान के लिए मनोवैज्ञानिक आधार प्रस्तुत करते हैं.
- इसके प्रकटीकरणके साथ-साथ ये विचार सामने आये कि व्यतिरेकी भाषाविज्ञान से पाठ्यक्रम केनिर्माता, शिक्षक तथा शिक्षार्थी अपने धन्धे को भली-भाँति योजनाबद्ध कर सकते हैं; कठिनाइयों को पहले से जान सकते हैं.
- व्यतिरेकी भाषाविज्ञान की मूल स्थापनाएँ हैं:-(१) अन्य भाषा शिक्षण में सरलता और कठिनाई की व्याख्या सीखने वाले की स्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा की व्यतिरेकी तुलना में है ।
- ६. भाषाविज्ञान में व्यतिरेकी भाषाविज्ञान का स्थानसंरचनात्मक भाषाविज्ञान एवं साँचा अभ्यास की जिन दिनों चर्चा चल रही थी उन दिनोंयह आशा-सी बँध गयी थी कि अन्यभाषाशिक्षण की प्रक्रिया में ये बड़े सहायक सिद्धहोंगे.
- यहाँ हम यह इस बात पर विचार करेंगे कि भाषाविज्ञान में इसका क्या स्थान है? भाषाविज्ञान कार्यक्षेत्र के तीन आयामीय वर्गीकरण (आरेख: २) के संदर्भ मेंदेखते हैं, तो हम पाते हैं कि व्यतिरेकी भाषाविज्ञान न तो सामान्य भाषाविज्ञानहै और न भाषासापेक्ष भाषाविज्ञान.
- व्यतिरेकी भाषाविज्ञान इस कार्य में प्रयत्नशील है कि दो भाषाओं की समकालिक संरचनाओं को इस तरह आमने-सामने रखा जाए या दो भाषाओं की समकालिक संरचनाओं का इस तरह वैषम्य प्रस्तुत किया जाए कि दोनों भाषाओं में विद्यमान समानताएँ और विषमताएँ या भिन्नताएँ स्पष्टत: प्रकट हो जाएँ ।
- व्यतिरेकी भाषाविज्ञान इस कार्य में प्रयत्नशील है कि दो भाषाओं की समकालिक संरचनाओं को इस तरह आमने-सामने रखा जाए या दो भाषाओं की समकालिक संरचनाओं का इस तरह वैषम्य प्रस्तुत किया जाए कि दोनों भाषाओं में विद्यमान समानताएँ और विषमताएँ या भिन्नताएँ स्पष्टत: प्रकट हो जाएँ ।
- व्यतिरेकी भाषाविज्ञान से पाठ्यक्रम के निर्माता तथा शिक्षक अपने कार्यों को योजनाबद्ध कर सकते हैं और सुनिश्चित पाठ्य सामग्री तैयार कर सकते हैं, पाठ्य बिंदुओं का चयन कर सकते है, शिक्षार्थी की कठिनाईयों को जान सकते हैं, त्रुटियों को दूर कर सकते हैं.