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विश्वासघात करना sentence in Hindi

pronunciation: [ vishvasaghat karana ]
विश्वासघात करना meaning in English

Examples

  1. * मेरी निगाह में देश के साथ धोखा या विश्वासघात करना, सबसे संगीन जुर्म है, इसकी सजा भी ऐसी होनी चाहिए की किसी को भी इस तरह की गलतियां दुहराने की हिम्मत ना पड़े।
  2. तीस हजारी अदालत के आदेशानुसार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र रचना व विश्वासघात करना आदि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
  3. वे यह कहने में भी हिचक का अनुभव नहीं करते थे कि भारत में दो संस्कृतियों को जीवित रखना देश के साथ विश्वासघात करना होगा, पर इसका मतलब यह नहीं था कि वे साम्प्रदायिक या मुसलिम विरोधी थे।
  4. वे यह कहने में भी हिचक का अनुभव नहीं करते थे कि भारत में दो संस्कृतियों को जीवित रखना देश के साथ विश्वासघात करना होगा, पर इसका मतलब यह नहीं था कि वे साम्प्रदायिक या मुसलिम विरोधी थे।
  5. किसी नालायक के लिए लायक के साथ बुराई करना, किसी अधर्मी के लिए धर्मी का खून करना, किसी बेईमान के लिए ईमान का सत्यानाश करना और किसी अविश्वासी के लिए विश्वासघात करना शेरअलीखां का काम नहीं है।
  6. वे यह कहने में भी हिचक का अनुभव नहीं करते थे कि भारत में दो संस्कृतियों को जीवित रखना देश के साथ विश्वासघात करना होगा, पर इसका मतलब यह नहीं था कि टण्डन जी साम्प्रदायिक थे, मुसलिम विरोधी थे।
  7. वे यह कहने में भी हिचक का अनुभव नहीं करते थे कि भारत में दो संस्कृतियों को जीवित रखना देश के साथ विश्वासघात करना होगा, पर इसका मतलब यह नहीं था कि टण्डन जी साम्प्रदायिक थे, मुसलिम विरोधी थे।
  8. भक्त भगवान की भक्ति करता है और आँख मीच कर उस पर विश्वास … फिर क्या भगवान को अपने भक्त के साथ विश्वासघात करना चाहिए???? भगवान बनने का दावा तो कोई भी कर सकता है लेकिन भगवान बनना क्या इतना आसान है.
  9. बात-बात पर लडना, झगडना, गुस्सा होना, अपने साथियों के साथ विश्वासघात करना, उनकी पीठ में छुरा घोंपना, दूसरों को नीचा दिखाना, चुगलखोरी, रिश्वतखोरी, बेईमानी, अहंकार करना, दूसरों की उन्नति से ईष्र्या करना तथा अन्य अनैतिक कार्य जो समाज में पापाचार बढाते हैं, अराजकता फैलाते हैं, विघटन का कारण बनते हैं, उन्हें त्याग देता है।
  10. योग से आत्मोन्मुखी हुआ व्यक्ति जब स्वयं में समाज, राष्ट्र, सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड व जीव मात्र को देखेगा तो वह किसी को धोखा नहीं देगा, वह किसी की निंदा नहीं करेगा क्योंकि वह अनुभव करेगा कि दूसरो से झूठ बोलना, बेइमानी करना व धोखा देना मानो स्वयं से ही विश्वासघात करना है, आत्म-विमुखता के कारण ही देश में भ्रष्टाचार, बेइमानी, अनैतिकता, अराजकता व असंवेदनशीलता है ।
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