×

भुलक्कड़पन sentence in Hindi

pronunciation: [ bhulakadapan ]
भुलक्कड़पन meaning in English

Examples

  1. माना कि उम्र कुछ ज्यादा ही हो चली है और वह अब छोटी-छोटी बातें भी भूल जाया करती है पर ऐसा भी क्या भुलक्कड़पन कि अपना नाम भी याद न आए।
  2. माना कि उम्र कुछ ज़्यादा ही हो चली है और वह अब छोटी-छोटी बातें भी भूल जाया करती है पर ऐसा भी क्या भुलक्कड़पन कि अपना नाम भी याद न आए।
  3. नियंत्रण का आंतरिक स्थान-निर्धारण करनेवालाछात्र यदि कम अंक पाता है, तो बहुत करके वह इसका कारण अपनी ओर से विषय मेंरुचि का अभाव, भुलक्कड़पन, ध्यान कहीं और होना बताएगा।
  4. इसके अलावा भी छैलविहारी जी के किस्से तो बहुत हैं, एक आदत से और लाचार हैं वे, वह ये कि अपने भुलक्कड़पन से बेखबर हैं, वे किसी चीज को ऐसे सहज भाव से भूलते हैं कि उनकी इस अदा पर बलिहारी जाना पड़ता है।
  5. कई संवादों में, सुकरात विचार है कि ज्ञान याद की बात है तैरता है, और सीखने की, अवलोकन, अध्ययन या नहीं 24 उन्होंने अपने स्वयं के खर्च पर कुछ हद तक कई संवादों में है क्योंकि यह देखने के लिए, रखता है., सुकरात अपने भुलक्कड़पन की शिकायत की.
  6. पहले तो लैवेंडर इस बात पर बहुत नाराज हुई कि किसी ने भी उसे यह नहीं बताया कि रॉन अस्पताल में था-‘मेरा मतलब है, मैं उसकी गर्लफ्रेंड हूँ!'-लेकिन दुर्भाग्य से अब उसने हैरी के इस भुलक्कड़पन को माफ़ करने का फ़ैसला कर लिया था ।
  7. अब समस्या यह है कि मैं हूँ भुलक्कड़, अब यदि यह नीति भूलकर कोई गलती कर गई तो क्या क्षमादान मिलेगा? भुलक्कड़पन का डॉक्टरी सर्टिफिकेट चलेगा? या कुछ ऐसा हो सकता है कि मैं एडवांस में ही माफी माँग लूँ तो आप मेरी अप्रिय टिप्पणी को हटा देंगे ।
  8. अब समस्या यह है कि मैं हूँ भुलक्कड़, अब यदि यह नीति भूलकर कोई गलती कर गई तो क्या क्षमादान मिलेगा? भुलक्कड़पन का डॉक्टरी सर्टिफिकेट चलेगा? या कुछ ऐसा हो सकता है कि मैं एडवांस में ही माफी माँग लूँ तो आप मेरी अप्रिय टिप्पणी को हटा देंगे ।
  9. इतने दिनों के बाद इस कहानी को लिखने बैठा हूँ अब कह नहीं सकता कितनी कहानी भूल गया… मुझे तो उस मशहूर लेखक की बात याद आ रही है जिसे पढ़कर मेरे मरहूम उस्ताद ने लेखक बनने का फैसला किया था-समय गढ़ा जाता है याद से और याद गढ़ी जाती है ज्यादातर भुलक्कड़पन से…
  10. इतने दिनों के बाद इस कहानी को लिखने बैठा हूँ अब कह नहीं सकता कितनी कहानी भूल गया … मुझे तो उस मशहूर लेखक की बात याद आ रही है जिसे पढ़कर मेरे मरहूम उस्ताद ने लेखक बनने का फैसला किया था-समय गढ़ा जाता है याद से और याद गढ़ी जाती है ज्यादातर भुलक्कड़पन से …
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.