×

बेढंग sentence in Hindi

pronunciation: [ bedhamga ]
बेढंग meaning in English

Examples

  1. तुम्हारे बाद, वो तरीका बस दो पल जीने का........... ये बेढंग ढूंढता रहा................ सुर, लय, ताल और अंदाज़ ढूँढता रहा, जिन्दगी गुज़र गई............. जिन्दगी का फकत, तंग सा रंग ढूंढता रहा........... जब से बिछड़े हो........ बस तुम्हारा संग ढूंढता रहा........... वो कमरा..........
  2. डीजे की कर्कश आवाज पर थिरकने वाले तथा कटे-फटे कपड़े पहनकर, बेढंग फैशन पर गर्व करने वाला युवा समाज रंग से रंग तो जाता है परंतु होली के पर्व के मर्म को समझने की इच्छा उसके मन में कभी नहीं आती।
  3. जब अंधकार की काली छाया मन के भूतल को तोड़ती है समाज की बेढंग तरंगे जब जल के रुख को मोड़ती हैंहर रोज हमें होने का कुछ मतलब ना समझ में आता है एक अप्रितिम उज्जवल किरण सा कोई हमें राह दिखाने आता हैछोड़ मायावी दुनिया को जब देह का तात्पर्य समझ में आता है वह...
  4. जब अंधकार की काली छाया मन के भूतल को तोड़ती है समाज की बेढंग तरंगे जब जल के रुख को मोड़ती हैंहर रोज हमें होने का कुछ मतलब ना समझ में आता है एक अप्रितिम उज्जवल किरण सा कोई हमें राह दिखाने आता हैछोड़ मायावी दुनिया को जब देह का तात्पर्य समझ में आता है वह
  5. फागुन की बतिया (1) सुन पिया भई बावरी टूटे काहे अंग चले हवा देह दुखे मुख मलिन ढंग बेढंग (2) ओ गोरी सुन बावरी सब फागुन का खेल भोर-सांझ में बने नहीं मौसम ये बेमेल (3) सुन पिया सखि काहे प्रीत की है ये चा ल... भगोरिया.. एक प्रेम उत्सव...
  6. सन बावन में जन्में व्यास जी ने बहुत नौकरियाँ की. ग्यारह साल कोर्ट में रहने के बाद कोलेज शिक्षा में आए मगर आज की युवा पीढ़ी से वे सदैव दु:खी रहे.इस बेढंग के वक्त पर वे सदा दया करते रहे.कविता और आलोचना में रुचिशील डॉ.व्यास आत्मप्रसंशा को सबसे घातक मानते हैं.यहीं सोच कर उन्होंने सेवानिवृति पर आम भेड़चाल के माफिक कोई अभिनन्दन का तमाशा नहीं किया.
  7. आज हमें सर्वथा नए दृष्टिकोण से सोचना होगा और समय की नब्ज को टटोलकर उसके मर्ज का जायजा लेने की कसमसाहट को अपने अंतस में महसूसना होगा तभी हम एक बेहतर कल युवा पीढ़ी को सौंप पाएंगे, वर्तमान समय की परिक्रमा करते हुए हमें उसके साथ निर्ममता से कदमताल करना होगा तभी इस बेढंग और निर्मम समय का नंगा सच अपनी खाल को उतारकर हमारे सम्मुख मेमना बन पायेगा ।
  8. -गिरगिट के रँग उधार के हैं अनुकूलन कर पाये गये हैं-ये शाख़े-गज़ल के रँग है-तितली के रग उसी के हैं-गिरगिट और तितली पर एक शेर और है-मैं गिरगिट की तरह शाखे-ग़ज़ल से रंग लाता हूँ मगर तितली का हँस पड़ना मुझे बेढंग लगता है इस शेर को और ग़ज़ल को आपने अल्फाज़ में उतरकर पढा-बहुत बहुत आभार!!-मयंक
  9. आयोजनों में मिलने वाले मानदेय के पीछे की कहानियां भी झकझोरने वाली होने लगी हैं, जिसमें कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता कलाकार मंडली से ज्यादा तो आयोजक कम्पनियां खुद ही खा जाती है,और गुरुओं का भरपूर शोषण होता है.तमाम बातें हैं.एक बातौर कि आज़कल स्वयंसेवा की भावना कमतर होती दिख रही हैं वहीं कोई पूर्णरूपेण सेवा के भाव काम करता दिखे तो उसे संदेह की नज़र के काबिल मान लिया जाता है.समय बड़ा ही बेढंग की चाल चल रहा है.
  10. जाने कैसी है ये बेरंग जिन्दगी चाहता हूँ बस तुम्हारे संग जिन्दगी ना सलीका है कोई ना तरीका है कट रही है यूँ ही बेढंग जिन्दगी मैं इससे और ये है मुझसे उलझी हुई ख्यालों से मेरे हुई अब तंग जिन्दगी किसी मोड़ पर जीत तो हार है कभी उम्र भर को रहेगी क्या जंग जिन्दगी ना जाने कब कहाँ ये डोर टूट जाए फलक पे उडती जैसे कोई पतंग जिन्दगी कोई ख्वाहिश न कर अब इससे ' राज' तू काट ले बस यूँ ही होके मलंग जिन्दगी क्या कहे.....
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.