×

प्रतीची sentence in Hindi

pronunciation: [ pratici ]
प्रतीची meaning in English

Examples

  1. पुरस्कार की कुछ राशि की सहायता से भारत एवं बांग्लादेश में मैंने जिस ' प्रतीची ` (Pratichi) नामक न्यास की स्थापना की है वह साक्षरता, मूलभूत स्वास्थ्य सुविधा एवं लैंगिक समानता के मुद्दों पर कार्य करता है।
  2. प्रात: प्रतीची से उदित होते हुए सूर्य की प्रथम रश्मि संग कभी मंदिरों से प्रात:कालीन आरती और भजनों की यान्त्रिक और मानवीय ध्वनि सुनार्इ दिया करती थी किंतु अब ऐसी ध्वनियां विशेषत: मानवीय ध्वनियां अतीत की बात हो गर्इ हैं।
  3. फिल्म के अन्य कलाकारों में गोपाल राय, के. के. गोस्वामी, प्रतीची मिश्रा, माया यादव, सी. पी. भट्ट, ऋतू पांडे, अनूप अरोरा और बी. के. शर्मा आदि शामिल हैं.
  4. प्रात: प्रतीची से उदित होते हुए सूर्य की प्रथम रश्मि संग कभी मंदिरों से प्रात: कालीन आरती और भजनों की यान्त्रिक और मानवीय ध्वनि सुनार्इ दिया करती थी किंतु अब ऐसी ध्वनियां विशेषत: मानवीय ध्वनियां अतीत की बात हो गर्इ हैं।
  5. सहनशीलता की भी सीमा होती है, अनिका का कहर बढ़ता ही जा रहा था I उसने सोचा क्यों न प्रतीची के पास जाकर उसे वस्तुस्थिति से अवगत करवा दें I मन भी हल्का हो जाएगा I यही सोचकर वह प्रतीची के पास जाने को उद्धत हुई थी I
  6. सहनशीलता की भी सीमा होती है, अनिका का कहर बढ़ता ही जा रहा था I उसने सोचा क्यों न प्रतीची के पास जाकर उसे वस्तुस्थिति से अवगत करवा दें I मन भी हल्का हो जाएगा I यही सोचकर वह प्रतीची के पास जाने को उद्धत हुई थी I
  7. आदिकाल से बना हुआ इक दोपहरी का पुल जब टूटे निशा संधि की रेखाओं तक आये नहीं कभी भी, रूठे जब प्राची के रक्तकपोलों पर से छिटकी हुई अरुणिमा के आभास प्रतीची की दुल्हन का आँचल बन जाते हैं तब सहसा ही शब्द मचल कर गीत नया इक बन जाते हैं
  8. पात्र-योजना की दृष्टि से ‘ खम्मा ' उपन्यास के पात्र यथा-बींझा, सोरठ, सुरंगी, झांझर, बिलावल आदि नाम लोककथा, लोक संगीत अथवा लोकवाद्य से जुड़े हैं, तो सूरज, प्राची व प्रतीची शब्द रेगिस्तान के महानायक ‘ सूर्य ' व दोनों दिशाओं के नाम पर है ।
  9. प्रतीची दिशा में हमारी पीठ के पीछे की दिशा में (वैराजा:) अन्न के स्वामी-कृषक जन और (देवा:) व्यवहारी अर्थात व्यापारी जन स्थित हैं जिन के लिए जल (सिंचाई के लिए) मुख्य बाण है, हमारे जीवन में सुरक्षा प्रदान करने का मुख्य साधन है.
  10. आशा है टिप्पणियों के माध्यम से आप इस महोत्सव को सफल बनायेंगे. प्रस्तुत मुक्तक इसी महोत्सव का भाग है.भोर की पालकी बैठ कर जिस तरह, इक सुनहरी किरण पूर्व में आ गईसुन के आवाज़ इक मोर की पेड़ से, श्यामवर्णी घटा नभ में लहरा गईजिस तरह सुरमई ओढ़नी ओढ़ कर साँझ आई प्रतीची की देहरी सजी,चाँदनी रात को पाँव में बाँध कर, याद तेरी मुझे आज फिर आ गई
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.