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पेट में दर्द होना sentence in Hindi

pronunciation: [ pet mem darda hona ]
पेट में दर्द होना meaning in English

Examples

  1. * ग्वारपाठा के गूदे से पेट पर लेप करें इससे आंतों में जमा मल गुदा से निकल जाएगा और पेट के अन्दर की गांठे गल जाएंगी जिसके फलस्वरूप पेट में कब्ज बनने की समस्या दूर हो जाएगी तथा पेट में दर्द होना भी बंद हो जाएगा।
  2. Helloo Anuja ji, प्रेगनेंसी के दिनों में पेट में दर्द होना नही चाहिये पहली बात दूसरी बात इसके और भी कारण हो सकते हैं आप खाने पीने में परहेज नहीं करती होंगी शायद आप साइट पर जाकर देंखें कि आप को क्या खाना चाहिये क्या नहीं।
  3. पेट में दर्द होना एक आम समस्या है, जिससे लगभग सभी व्यक्तियों को जीवन में अनेक बार सामना करना पड़ता है | इनके कारण अनेक तथा अलग हो सकते है, किन्तु फिर भी पेट के किसी भी भाग में व स्थान में दर्द को सामान्यतः हम ”
  4. इन सभी विषाणुओं से गंभीर बीमारी हो सकती है जिसके चिहन जैसे त् वचा और आंखों का पीला पडना (पीलिया) ; मूत्र का गाढ़े रंग का होना ; अत् यधिक थकान होना ; मिचलाहट होना ; उल् टी आना और पेट में दर्द होना कई सप् ताह तक विद्यमान रहते है।
  5. इसके लक्षणों में पेट में दर्द होना, छाती में दर्द होना, पेट, मूत्राशय या आँतों के भरे होने पर फुफ्फुसावरण के दर्द की तरह छाती में दर्द होना, पीठ में दर्द होना, प्लीहा पर दबाव पड़ने की वजह से जल्दी तृप्त हो जाना या साइटोपेनिया के साथ की वजह से एनीमिया के लक्षण भी शामिल हो सकते हैं.
  6. इसके लक्षणों में पेट में दर्द होना, छाती में दर्द होना, पेट, मूत्राशय या आँतों के भरे होने पर फुफ्फुसावरण के दर्द की तरह छाती में दर्द होना, पीठ में दर्द होना, प्लीहा पर दबाव पड़ने की वजह से जल्दी तृप्त हो जाना या साइटोपेनिया के साथ की वजह से एनीमिया के लक्षण भी शामिल हो सकते हैं.
  7. मल से सम्बंधित लक्षण-मल का गर्म, बिल्कुल पतला, हरे रंग का, बदबूदार आना, मलक्रिया के दौरान पेट में दर्द होना, मल के साथ पीले रंग के आंव का आना, बच्चों को दांत निकलने के समय होने वाला दस्त, खूनी बवासीर आदि लक्षणों में कैमोमिला औषधि का प्रयोग लाभदायक होता है।
  8. आमाशय से सम्बंधित लक्षण-रोगी को बार-बार भूख का लगना, भोजन करने के बाद भी दुबारा भूख का लग जाना, पेट के फूल जाने के कारण पेट में दर्द होना, आमाशय का बिल्कुल खाली सा महसूस होना, आमाशय में किसी तरह का घाव हो जाना आदि आमाशय रोग के लक्षणों में रोगी को काली फास्फोरिकम औषधि खिलाने से आराम मिलता है।
  9. आंव और खून तथा थोड़ा-थोड़ा पित्त-मिले दस्त होना या हरे पानी की तरह दस्तों के साथ ही पेट में दर्द होना, बहुत ज्यादा उल्टी आना, शरीर में बहुत अधिक सुस्ती आना आदि प्रकार के लक्षण हैजे से पीड़ित रोगी में हों तो उसके इस रोग को ठीक करने के लिए मर्क-डलसिस औषधि की 1 x मात्रा या 3 x मात्रा का प्रयोग करना अधिक लाभदायक होता है।
  10. पेट से सम्बंधित लक्षण-पेट में भारी वजन उठाने जैसा दर्द होना, किसी चीज की सवारी करते समय पेट में दर्द होना, बदबूदार हवा का बाहर निकलना, टाईट कपड़ों को पहनने पर परेशानी महसूस होना, आंतों में भयानक जख्म होने के साथ-साथ भगंदर होना, पेट का फूल जाना, जिगर में दर्द होना आदि लक्षणों के नज़र आने पर अगर रोगी को कार्बो वेजिटैबिलस औषधि खिलाई जाए तो लाभकारी होती है।
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