×

निश्चय रूप से sentence in Hindi

pronunciation: [ nishcaya rup se ]
निश्चय रूप से meaning in English

Examples

  1. आज जो हमारा अति प्रिय है, जिसको पाकर हम अति धन्य हैं, जिसके विछोह की कल्पना मात्र से हम अधीर हो सकते हैं, वहीं प्रियतम चीज कल हमसे निश्चय रूप से विलग हो जायेगी।
  2. अल्लाह निश्चय रूप से कहता है कि उसने मुसलमानों को जिहाद के लिए पैदा किया है, ” युद्ध (जिहाद) में लूटा हुआ माल, जिसमे नारियां भी शामिल हैं, अल्लाह और मुहम्मद का है.
  3. मगर फिर भी इतना कह सकती हूँ कि अगर वह मुक्त कर दिया जाए, तो फिर इस रियासत में कदम न रखेगा, और मैं यह निश्चय रूप से कह सकती हूँ कि वह अपनी बात का धानी है।
  4. बेशक आपका ये लेख कबि्ल-ए-तारिफ़ है, शिवराज़ पाटिल क कॄत्य निश्चय रूप से निन्दनीय है और देश के माननीय मंत्रीमंडल की भूमिका भी सन्देहास्पद ही है पर फिर भी मैं सो्नि्या जी का नाम यहां पर तर्कसंगत नहीं मानता...
  5. * हे भगवान शिव, आप विष्णु के ललाट रूप हैं, आप होठों के वाणी रूप हैं, आप निश्चय रूप से विष्णु से संबंध स्थापित करने वाले हैं, आप विष्णु के लिए वैष्णव हैं।” शिवजी से स्वच्छ मन से सबके कल्याण की प्रार्थना करें।
  6. इसके अतिरिक्त यह भी मालूम हुआ कि दारोगा ने मेरी गिरफ्तारी के लिए तरह-तरह के बंदोबस्त कर रखे हैं और भूतनाथ भी दो-तीन दफे उसके पास आता-जाता दिखाई दिया है मगर यह बात निश्चय रूप से मैं नहीं कह सकता कि वह जरूर भूतनाथ ही था।
  7. गाँधी की नीतियों को भुलाना निश्चय रूप से खलता हुआ नजर आरहा है, कारन हर विकास को आज हम सरकारी चश्मे से देखना शुरू कर दिए है, एक अरब पच्चीस करोड़ की आबादी को मुठी भर सरकारी लोग उनकी सारी आवश्यकताओं पर भला कैसे खरा उतर सकती हैं।
  8. हाल ही में होने वाले राज्य सभा चुनाव में जब विधायकों के खरीद फरोक्त का मामला प्रेस में आया और एक गाड़ी से दो करोड़ से अधिक रूपये जब्त हुए तब मुख्य चुनाव आयुक्त का अचानक बगैर किसी न्यायिक प्रक्रिया के यह निर्णय आना निश्चय रूप से आश्चर्य मिश्रित लेकिन सुखद अहसास कराने वाला आदेश है।
  9. हाल ही में होने वाले राज्य सभा चुनाव में जब विधायकों के खरीद फरोक्त का मामला प्रेस में आया और एक गाड़ी से दो करोड़ से अधिक रूपये जब्त हुए तब मुख्य चुनाव आयुक्त का अचानक बगैर किसी न्यायिक प्रक्रिया के यह निर्णय आना निश्चय रूप से आश्चर्य मिश्रित लेकिन सुखद अहसास कराने वाला आदेश है।
  10. अगर जैसी कि उनकी धारणा है, महात्मा जी मानते हैं कि हर स्त्राी पुरुष को अपने पूर्वजों का ही पेशा करना चाहिए, तो निश्चय रूप से वह जाति भेद का ही समर्थन करते हैं और जब उसे वर्ण व्यवस्था कहते हैं, तो वह केवल परिभाषा सम्बंधी अशुद्धि ही नहीं करते, अपितु गड़बड़ी को अधिक बढ़ा देते हैं।
More:   Prev  Next


PC Version
हिंदी संस्करण


Copyright © 2023 WordTech Co.