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निर्भ्रांत sentence in Hindi

pronunciation: [ nirbhramta ]
निर्भ्रांत meaning in English

Examples

  1. अधिक उचित यह कहना होगा कि आज के तकनीकी क्षेत्रों में उसका व्यवहार बढ़ रहा है, इससे एक बार फिर हिंदी को निर्भ्रांत रूप में व्याकरणसम्मत सिद्ध करने की चुनौती सामने है.
  2. समकालीन कविता ने आजाद भारत के प्रमुख मुद्दों और प्रसंगों से जुड़ी हुई उलझनों को अपने आत्मसंघर्ष की शक्ति से हल करने की कोशिश की है और उसका पक्ष निर्भ्रांत ढंग से जनपक्षधरता का अप्रतिम कलात्मक उदाहरण है।
  3. समकालीन कविता ने आजाद भारत के प्रमुख मुद्दों और प्रसंगों से जुड़ी हुई उलझनों को अपने आत्मसंघर्ष की शक्ति से हल करने की कोशिश की है और उसका पक्ष निर्भ्रांत ढंग से जनपक्षधरता का अप्रतिम कलात्मक उदाहरण है।
  4. समकालीन कविता ने आजाद भारत के प्रमुख मुद्दों और प्रसंगों से जुड़ी हुई उलझनों को अपने आत्मसंघर्ष की शक्ति से हल करने की कोशिश की है और उसका पक्ष निर्भ्रांत ढंग से जनपक्षधरता का अप्रतिम कलात्मक उदाहरण है।
  5. संवेदन की संपूर्णता के वास्ते ही लेखक से उम्मीद की जाती है कि वह वस्तु से संपृक्ति के क्षणों में अपनी दूरी बनाए ताकि विषयगतता, सबजैक्टिविटी का सम्मोहन उस पर से उतरे और रचना एक निर्भ्रांत रूपाकार में संपूर्ण उभरे।
  6. अलीगढ़ विश् वविद्यालय से आए वक् ता रमेश कुमार ने कहा कि समकालीन हिंदी आलोचना में प्रदीप सक् सेना, अपनी निर्भ्रांत इतिहास चेतना और आलोचकीय विवेक से समय, समाज और संस् कृति के जन-विरोधी चिंतन का प्रतिपक्ष रचते हैं।
  7. वैचारिक तल्ख़ी को अपने भीतर समोती, उसे मुखर होने से रोकती लोकरंग में डूबी भाषा अपनी सर्वजनात्मकता में पाठकों की संख्या में विस्तार करती, उन्हें आविष्ट करती, बांधती है लेकिन टीसती-चिलकती निर्भ्रांत लक्ष्योन्मुखता में बाधा भी पैदा करती है।
  8. यह जरूर है, अब आज के जटिल, अबूझ, उलझे, सूक्ष्म और अमूर्त समय की परत-दर-परत समझने, उसका बेबाक, निर्भ्रांत विश्लेषण करने के लिए मात्र एक विचारधारा ही कारगर नहीं है, यहाँ तक कि अकेले मार्क्सवाद भी नहीं।
  9. जैसा कि इस आलेख के आरंभ में ही उद्धृत किया गया, वे इस मामले में निर्भ्रांत हैं कि साम्राज्यवाद की शह के बगैर हिन्दुत्व की राजनीति और फासीवाद उभार देश में संभव नहीं है, उनका मूल प्रस्थान बिंदु साम्राज्यवाद से बौद्धिक मोर्चे पर लड़ते हुए भारतीय इतिहास और परंपरा के उपनिवेशवादी भाष्य को ध्वस्त करना है।
  10. रामायण (जो यूँ भी एक तरह का 'आईडियोलॉजिकल' पाठ है) जैसे किसी परमसंकेतक-आदर्श (राम)/यूटोपिया (रामराज्य)-के अभाव में महाभारत में पाँडवों का कौरवों के मुकाबले में नैतिकतर होना/धर्मपालक होना वैसा निर्भ्रांत नहीं है लेकिन यह भी नहीं भूला जाना चाहिये कि महाभारत में सब कुछ 'धर्मयुद्ध' के मास्टर मेटाफर/बैनर के तले हो रहा हैः धर्मयुद्ध में अंततः 'विजय' किसकी होनी/'दिखाई' जानी है, क्या यह पाठ/लेखक के पक्ष को 'पहले से तय' नहीं कर देता?
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