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निरहंकारी sentence in Hindi

pronunciation: [ nirahamkari ]
निरहंकारी meaning in English

Examples

  1. इसलिए अपने आप को सतत ऊर्जावान, श्रद्धावान, निरहंकारी व प्रसन्न बनाये रखने के लिए व्यक्तित्व विकास के पांच स्तरों पर अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा ।
  2. उन्होने कहा कि इसी प्रकार वे निरहंकारी व्यक्ति के रुप में चौहान को देखते हैं और उनकी कल्पनाशीलता से मध्यप्रदेश विकास की नई बुलंदिया हासिल कर रहा है.
  3. जिन मन-बुद्धिसे चिंतन-मनन करना है, उस अंतःकरणको ईश्वर विशुद्ध करें; बुद्धि प्रगल्भ, तीक्ष्ण, चिकित्सक, उदार, सत्त्वानुगामी और निरहंकारी हो; सृजनशीलता उद्युक्त हो; और विचार व्यवहार्य हो । अस्तु ।
  4. प्रतिभा का प्रदर्शन भी होना चाहिए, परंतु यदि प्रतिभा में जुगनू-सी चमक हो तो अहंकार पैदा होगा और यदि सूर्य-सा प्रकाश हो तो प्रतिभा का निरहंकारी स्वरूप सामने आएगा।
  5. स्वामी विवेकानन्द के आकर्षक व्यक्तित्व, निरहंकारी स्वभाव और भाषण शैली से वह इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने न केवल रामकृष्ण परमहंस के इस महान शिष्य को अपना आध्यात्मिक गुरु बना लिया बल्कि भारत को अपनी कर्मभूमि भी बनाया।
  6. स्वामी विवेकानन्द के आकर्षक व्यक्तित्व, निरहंकारी स्वभाव और भाषण शैली से वह इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने न केवल रामकृष्ण परमहंस के इस महान शिष्य को अपना आध्यात्मिक गुरु बना लिया बल्कि भारत को अपनी कर्मभूमि भी बनाया।
  7. मीरा हों, भाई मतीदास-सतीदास या नरसी, आम इंसान की नज़र से देखने पर भक्तों का जीवन कष्टमय रहा है, लेकिन उन्होंने उच्च आदर्श और असम्भव को सम्भव करने के साथ निरहंकारी जीवन के उदाहरण सामने रखे हैं।
  8. यह एक बहुत ही निरहंकारी निवेदन है, और इसमें गहरी समझ छिपी है, ” सत्य कैसे प्रतीक्षा करता रह सकता है मेरी कि मैं आऊं और उसे खोजूं? वह मेरे द्वारा ही खोजे जाने के लिए कैसे ठहरा रह सकता है? ” उसे बार-बार खोजा गया है।
  9. जो राम अत्यंत बुद्धिमान हैं, निरहंकारी हैं, सौतेली मां की इच्छा मानकर राज्य छोड़कर प्रसन्नतापूर्वक वनगमन करते हैं, जो निस्वार्थी हैं, दुर्बलों की रक्षा के लिये, न्याय की रक्षा के लिये जो अपने प्राणों की बाजी लगा देते हैं, ऐसे राम इतने घोर और मूर्खतापूर्ण अन्याय करेंगे, असंभव है।
  10. भगवान् श्री कृष्ण यानी दैवी संस्कृति के निःस्पृही, निरहंकारी और नम्र उपासक! संस्कृति के लिए उनका हृदय व्यथित होता था, इसीलिए तो जब दुर्योधन, कंस, कालयवन, नरकासुर, शिशुपाल और जरासंध जैसे जड़वादी, आसुरी संस्कृति के प्रचारक तांडव नृत्य कर रहे थे तब धर्म और नीति का सुदर्शन चक्र हाथ में लेकर उन्होंने उन षड्रिपुओं का नाश किया था।
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