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दुलारना sentence in Hindi

pronunciation: [ dularana ]
दुलारना meaning in English

Examples

  1. क्योंकि कोई और उसे बाहर नहीं ले जाता अल सुबह ; पर शायद उसके बरामदे का फर्श खराब करने की आदत से तंग आकर पत्नी संभाल लेगी ; यह काम भी, और बुश भी भूल जाएगा मेरा दुलारना डाँटना दोनों
  2. मृत्यु तुम आना जैसे आती है पवन गुलाब के बग़ीचे में दबे पांव ओस की चमकती आंखों से बचते-बचाते सहलाना कुछ देर स्नेह से सभी को दुलारना उन्हें भी जिनकी अभी तक मुरझाई नहीं है एक भी पंखुड़ी तुम्हारा स्पर्श खोलता है जीवन के नित नए अर्थ
  3. इस के अलावा, कई सूक्ष्म तकनीक सिखाये जाते हैं, जैसे सम्भोग के बाद, प्रेमीका को दुलारना (बहुत अवश्य है यह), उसके पैरों की मालिश कर के उसके दिन भर के थकान से रहत देना, और ऐसे कई और तकनी क.
  4. चाहे वह कैसे भी करे उसे हमे उठा कर दुलारना, पुचकारना होगा ।.... एक राजा निर्दयी हो सकता है, मित्र धोखा दे सकता है, प्रीतम मुंह मोड सकता है, पिता त्याग सकता है किन्तु माँ अपनी संतान के प्रति कभी निष्ठुर नही हो सकती है ।
  5. प्रकृति हमारे भीतर आज भी कुलाँचे मारती है, वह हमें पुकारती है, वह हमें दुलारना चाहती है, अपने ममत्व की छाँव देना चाहती है, लेकिन हम हैं कि चाहकर भी न तो उसके पास जा सकते हैं, न उसकी आवाज़ सुनना चाहते हैं और न ही उसकी छाँव में रहकर सुकून पाना चाहते हैं।
  6. फोरप्ले स्त्री के अंगो का स्पर्श करना, उन्हे छूना-सहलाना-चुंबन लेना-दुलारना-पुचकारना-सभी कुछ है-दूसरे शब्दों में-मर्द, स्त्री के कामोत्तेजक अंगो से खेलना और उसे आनंद के चरम सीमा तक पहुचा कर सेक्स के लिये राजी करना है-पुरुष के ऐसे फोरप्ले से औरत कैसे चुप रह सकती है-जब मर्द उनके होटो-गर्दन-स्तन से होते हुए संभोग क्रिया संपन्न करते है.
  7. फोरप्ले स्त्री के अंगो का स्पर्श करना, उन्हे छूना-सहलाना-चुंबन लेना-दुलारना-पुचकारना-सभी कुछ है-दूसरे शब्दों में-मर्द, स्त्री के कामोत्तेजक अंगो से खेलना और उसे आनंद के चरम सीमा तक पहुचा कर सेक्स के लिये राजी करना है-पुरुष के ऐसे फोरप्ले से औरत कैसे चुप रह सकती है-जब मर्द उनके होटो-गर्दन-स्तन से होते हुए संभोग क्रिया संपन्न करते है.
  8. प्यारी को तुम्हारी जब ले जाने आयेंगे तुम उसे उनके सुपुर्द कर देना ऊपर से नीचे तक उसकी निश्वास सहित त्वचा, वर्ण, दीठ सहित मन के रहस्य सहित और इसके साथ उसके पहनने ओढ़ने, निर्वस्त्र होने का ढंग भी पुलक भरी सिहरनें, उसका दुलारना सब उसकी दुलराई देह सहित दे देना ही होगा उसका वह न जाने कहां खो जाने का मन कभी-कभी का वह खुल बैठना रात में, साथ में वह थकान।
  9. क्या करती हैं ये उन पर बैठकर? माँ कहती है, ‘रस चूसती हैं फूलों से ‘|वो खोजती है, कहाँ है रस? वह गुलाब की एक-एक पँखुड़ी तोड़कर रस ढूँढती है-नहीं पा सकी वो रस |माँ भी तो उसे,'मेरी गुलाबो' कहती है |वो भी तो फूल सी है, तो फिर ये उस पर क्यों नहीं मँड़राती हैं? ये उसके हाथों से क्यो ड़रती हैं? वह तो उनके रंगों को छूकर दुलारना चाहती है | बस इतनी सी बात भी नहीं समझती हैं ये | हैरान व परेशान है बाल-मन! कौतुहलता है!!!!
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