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तीव्र करना sentence in Hindi

pronunciation: [ tivra karana ]
तीव्र करना meaning in English

Examples

  1. वहीं आधुनिक सूचना क्रान्ति व प्रतिस्पर्धा के इस युग में अपने को पिछड़ा महसूस न समझकर अंग्रेजी भाषा के माध्यम से युवाओं को अपने साथ जोड़ इस मशाल की लौ को इतना तीव्र करना चाहते हैं कि हमारे समाज से कन्या
  2. हिटलर चाहता था कि “ राज्य यह तय कर दे कि स्वस्थ्य दम्पति को ही संतानोत्पत्ति का अधिकार है, तथा उनके बीमार या वंशानुगत दोष होने पर प्रजनन न करना अति सम्माननीय होगा........ ऐसे लोगों को प्रजनन के अयोग्य घोषित कर, व्यावहारिक गतिविधियों को तीव्र करना होगा. ”
  3. वहीं आधुनिक सूचना क्रान्ति व प्रतिस्पर्धा के इस युग में अपने को पिछड़ा महसूस न समझकर अंग्रेजी भाषा के माध्यम से युवाओं को अपने साथ जोड़ इस मशाल की लौ को इतना तीव्र करना चाहते हैं कि हमारे समाज से कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा व नशाखोरी जैसी सामाजिक बुराईयों को जड़ से जला दें।
  4. वहीं आधुनिक सूचना क्रान्ति व प्रतिस्पर्धा के इस युग में अपने को पिछड़ा महसूस न समझकर अंग्रेजी भाषा के माध्यम से युवाओं को अपने साथ जोड़ इस मशाल की लौ को इतना तीव्र करना चाहते हैं कि हमारे समाज से कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा व नशाखोरी जैसी सामाजिक बुराईयों को जड़ से जला दें।
  5. आभार व्यक्त करते हुए जोशी-अधिकारी इंस्टीट्यूट के विनीत तिवारी ने कहा कि सच्चे लोकतंत्र की स्थापना की आकाँक्षा में जिन परिवर्तनकामी शक्तियों ने कोशिशें की हैं, उनका समर्थन आधार बढ़ाना और भारत सरकार पर युद्ध विरोधी भूमिका अपनाने के लिये दबाव डालने के कार्यक्रम को तीव्र करना ऐसा काम है जो भारत में रह रहे सभी संवेदनशील लोगों को मिलजुलकर संगठित व सुनियोजित रूप से बढ़ाना होगा।
  6. किसी तथ्य का कथन जब काव्यपद्धति द्वारा किया जाता है तब उसकी सत्यता का निश्चय करना विवक्षित नहीं रहता, बल्कि उस तथ्य के प्रति किसी स्वाभाविक भाव के अनुभव को तीव्र करना-जैसे, ' कनक कनक तें सौगुनी ' वाले दोहे में कवि धन के बुरे प्रभाव के कारण उसके प्रति श्रोता की तिरस्कार बुद्धि जाग्रत करना चाहता है, इसलिए धतूरे का उल्लेख करता है।
  7. जहाँ वस्तुएँ ऐसी होती हैं कि उनके सम् बन् ध में अलग कोई उपयुक्त भाव (जैसे रति, भय, हर्ष, घृणा, श्रद्धा इत्यादि) नहीं होता, केवल उनका रूप, गुण, क्रिया आदि का ही गोचर स्पष्टीकरण करना या अधिकता न्यूनता की ही भावना तीव्र करना अपेक्षित होता है-उनके द्वारा किसी भाव की अनुभूति की वृद्धि करना नहीं-वहाँ आकृति, गुण आदि का निरूपण और आधिक्य या न्यूनता का बोध कराने वाली सदृश वस्तुओं से ही प्रयोजन रहता है।
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