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काँपना sentence in Hindi

pronunciation: [ kampana ]
काँपना meaning in English

Examples

  1. तब इतना भर करना कि पास खड़े आदमी को इशारा कर देना ताकि वह भी भेड़िए के डर से काँपना छोड़ जंगल की सनातन ख़ूबसूरती को देखने लग जाए।
  2. जहाज़ का यकायक उलट जाना खिलौना भाल् काँपना कार्य-पाली अदला-बदली करना झुकाना परिवर्तन उचनिचाव मिलाना शुरुआत बदलना डिगाना डगमगाना उतरना अवगुण तोड़ लेना [देना] हलचल मचाना बोरा विस्थापन हस्तान्तरित करना निकाक देना परिवर्तित करना भण्डारणअ
  3. इनके मुँह का डौल, गाल तमतमाए, और होंठ पपड़ाए, और घोड़े का हाँपना, और जी का काँपना, और ठंडी साँसें भरना, और निढाल हो गिरे पड़ना इनको सच्चा करता है।
  4. रोंये से भरे तलपेट, थोड़ा उभरा पेडू, बादल का घिरना, मेरा हल्के-हल्के काँपना-वहाँ जो कुछ था, कमज़ोर और थोड़ा कुरूप था, इसलिए अपूर्ण था, मानवीय था, इसलिए उत्तेजक था।
  5. हवा से पत्तियों का काँपना, घास का सरसराना और उँगलियों का सर्द पड़ते जाना उसे ऐसे लगा जैसे कोई कसी हुई गाँठ उसके अन्दर ढीली पड़ रही हो, कोई सोई हुई चीज़ धीरे-धीरे करवट बदल रही हो।
  6. ऐसी स्थिति में ऊष्मावर्धक केंद्र कंकालपेशियों को आवेग भेजकरउनकी संक्रियता को बढ़ा देता है और शरीर में कंपन होने लगता है कंपन की क्रियापेशियों के क्रमशः संकुचन एवं शिथिलन से होती है और अधिक अनैच्छिक कुंचन होनेलगते हैं--काँपना तथा दाँतों को किटकिटाना.
  7. ग़िलाफ़ स्थानान्तरित करना फैल जाना तीखा टाँग मारना बाँधने की जगह खीसकाना असलियत चोरी-छिपे देखना चिकने पृष्ठों वाली पत्रिका फिसलना कम होना प्रमाद चुपके से आना जाना लापरवाही अशिष्टता सोना भूल करना जोड़ उखाड़ना सीट स्ट्रीप झटके से घुमाना मक्कारी अशुद्ध प्रयोग खिलौना भाल् काँपना
  8. खिलौना भाल् काँपना चालबाज़ी ग़िलाफ़ स्थानान्तरित करना फैल जाना तीखा टाँग मारना बाँधने की जगह खीसकाना असलियत चोरी-छिपे देखना चिकने पृष्ठों वाली पत्रिका फिसलना कम होना प्रमाद चुपके से आना जाना लापरवाही अशिष्टता सोना भूल करना जोड़ उखाड़ना सीट स्ट्रीप झटके से घुमाना मक्कारी अशुद्ध प्रयोग
  9. मुझे रेखा मैडम का पत्ते की तरह काँपना याद आया और साथ ही याद आये मिसेज़ पाहवा द्वारा बताये हुए नटवर के शब्द, “इन्कम टैक्स ऑफ़िसर का फ़्लैट है, बहुत बड़ा, फ़ुल फ़र्निश्ड, एसी-वीसी, टिप-टॉप, जनकपुरी में, ये पकड़ चाभी, आज शाम... जितना भी मांगेगी... ”
  10. वण्य में कालापन, शरीर का काँपना, अंगों का फड़कना, उष्णता की अभिलाषा, संज्ञा और निद्रा की नाश, बल एवं इंद्रियों की हानि, मज्जशोष, मलमूत्र, स्वेद की अवरोध, पेट फूलना, पेट की गड़गड़ाहट, मूर्च्छा, दैन्य, भय, शोक, प्रलाप आदि करके शरीर को पीड़ा देता है ।।
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