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कष्ट होना sentence in Hindi

pronunciation: [ kasta hona ]
कष्ट होना meaning in English

Examples

  1. कष्ट होना न होना कोई विशेष महत्व की बात नहीं है, क्योंकि शरीरों का तो नित्य ही नाश होता है और आत्मा अमर है, इसलिए मारने न मारने में हिंसा-अहिंसा नहीं है ।
  2. इसलिये हे भगवान, आप के इतना सब करने पर भी यदि अपने कष्टों एवं दुखो को दूर करने के लिये अभी भी आप के ही सहारे रहें, तों आप को कष्ट होना स्वाभाविक ही है.
  3. परन्तु पत्रावली पर उक्त घटना में याची कुमारी रेखा को हल्की-फुल्की चोटें आने से उसे शारीरिक और मानसिक कष्ट होना परिलक्षित होता है, अतः उसे इस मद में रू0 2000/-की प्रतिकर धनराशि दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।
  4. परन्तु पत्रावली पर उक्त घटना में याची दीपक सिंह को हल्की-फुल्की चोटें आने से उसे शारीरिक और मानसिक कष्ट होना परिलक्षित होता है, अतः उसे इस मद में रू0 2000/-की प्रतिकर धनराशि दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।
  5. उधर जब सेही अपने घर में आई, तो अपने बच्चों को मरा देखकर नाना प्रकार से विलाप करने लगी और ईश्वर से प्रार्थना की कि जिसने मेरे बच्चों को मारा है, उसे भी इसी प्रकार का कष्ट होना चाहिए।
  6. 18 अश्मरी (पथरी) में:-अश्मरी एवं मूत्रकृच्छ (पेशाब करने में कष्ट होना) में अनन्तमूल की जड़ का 5 ग्राम चूर्ण गाय के दूध के साथ दिन में सुबह और शाम सेवन करने से लाभ होता है।
  7. हि न्दी में फ़ारसी से आया तंग शब्द खूब प्रचलित है और इसके कई मुहारवरेदार प्रयोग मिलते हैं जिससे भाषा में रवानी और कहन में अनोखापन पैदा हो जाता है जैसे हाथ तंग होना यानी आर्थिक कष्ट होना या माली हालत ठीक न रहना।
  8. हैजा रोग होने के साथ ही बहुत तेज मिचली आना तथा गले में घर-घर की आवाजें होना लेकिन बलगम बिल्कुल भी न निकलना, सांस लेने में कष्ट होना आदि दिखाई दें तो उपचार करने के लिए ऐण्टिम-टार्ट औषधि की 6 शक्ति का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
  9. स्वाभाविक रूप से मृतक नाबालिग बच्चों की कोई मासिक आमदनी नहीं मानी जा सकती, लेकिन यह अवष्य है कि इतनी कम उम्र में मृतक बच्चों की मृत्यु होने पर याची को मानसिक कष्ट होना स्वाभाविक है और याची दोनों बच्चों के प्यार व स्नेह से हमेषा के लिए वंचित भी हुआ है।
  10. बरना की छाल, अपामार्ग, पुनर्नवा, यवाक्षार, गोखरू, मुलेठी के मिश्रण से तैयार काढ़े को 20 ग्राम से 40 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से नाभि के दर्द पथरी, मधुमेह, मूत्रकृच्छता (पेशाब करने से में जलन या कष्ट होना) आदि रोगों में लाभ होता है।
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