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कड़का sentence in Hindi

pronunciation: [ kadaka ]
कड़का meaning in English

Examples

  1. 1992 में UK मुद्रा संकट ब्लैक वेन्ज्डे के दौरान उनके एक बिलियन डॉलर बनाने के बाद वे “उस आदमी जिसने बैंक ऑफ इंग्लैंड को कड़का बना दिया” के रूप में जाने जाने लगे.
  2. अपनी घनी मूँछों पर हाथ फेरते हुए वह कड़का, ‘‘ दे देंगे, कहीं भागे तो नहीं जाते ३ कल गाँव से अपनी माँ को बुला लाना, हिसाब करके ले जाएगी।
  3. इसे कैसे रोकेंगे, बताइए! बादल फटने से पहले माना कि प्रकृति ने बिजली कड़का कर टैलीग्राम भेजा था कि संभल जाओ, लेकिन हम कब उस चेतावनी को इतनी गंभीरता से लेते हैं।
  4. यह बात तो किसी से छिपी नहीं है कि कैसे कोई अफसर या कर्मचारी, नौकरी में आने के पहले पूरी तरह कड़का होता है, लेकिन कुछ ही बरसों बाद वह करोड़ों की संपत्ति का मािलक बन जाता है।
  5. इश्क करे ऊ जिसकी जेब में माल बारे बलमूं कदर गंवावै जो कड़का कंगाल बारे बलमूं अरे इश्क करे ऊ जो दिल कै दिलदार बारे बलमूं एजी राज़े इश्क क्या समुझै चुगुल गंवार बारे बलमूं ज़र के बिना इश्क टें टें है, ज़र
  6. अहाक्या बात हैवाहसु: कमाई दूसरों की अपने घर लाना मुबारक होको: कमाई दूसरों की अपने घर लाना मुबारक होसु: ये है क़िस्मत का नज़राना-२को: ये है क़िस्मत का नज़राना-२मुबारक हो-४छमा-छम सोना-चाँदी घर में आ जाना मुबारक होसु: तुम्हें कड़का जो कहते
  7. जेब से कड़का और अनुभव की पूंजी की गठरी सिर पर ढोते हुए अब मैं भावी पीढ़ी को यही मूलमंत्र देना चाहता हूं कि वह बड़ा होकर वह डाक्टर, इंजीनियर, साहित्यकार, कवि, लेखक, सैनिक, वैज्ञानिक व कलाकार आदि कुछ भी बनने की न सोचें।
  8. ग़रीबी ने किया कड़का, नहीं तो चाँद पर जाता, तुम्हारी माँग भरने को सितारे तोड़कर लाता, बहा डाले तुम्हारी याद में आँसू कई गैलन, अगर तुम फ़ोन न करतीं यहाँ सैलाब आ जाता, तुम्हारे नाम की चिट्ठी तुम्हारे बाप ने खोली, उसे उर्दू जो आती तो मुझे कच्चा चबा जाता
  9. ग़रीबी ने किया कड़का, नहीं तो चाँद पर जाता, तुम्हारी माँग भरने को सितारे तोड़कर लाता, बहा डाले तुम्हारी याद में आँसू कई गैलन, अगर तुम फ़ोन न करतीं यहाँ सैलाब आ जाता, तुम्हारे नाम की चिट्ठी तुम्हारे बाप ने खोली, उसे उर्दू जो आती तो मुझे कच्चा चबा जाता...
  10. मैं गाता हूँ जब मूड अपना बना के, गधे रेंकते हैं मेरे घर में आ के, मेरी नौकरी जब से छूटी है तब से, निकलते हैं सब यार बटुआ छुपा के, हुई बंद बनिये की भी अब उधारी, मैं मर भी न पाऊँगा अब ज़हर खाके, मैं कड़का सही तुम मेरे घर तो आओ, खिलाऊँगा तुमको मैं मुर्ग...
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