उठाईगीरी sentence in Hindi
pronunciation: [ uthaigiri ]
Examples
- + राष्ट्र-निर्माण में उठाईगीरी की भूमिकामित्र के मकान तक पहुँचानेवाली गली इतनी सँकरी थी कि अगर कोई औरत-मर्दआपने-सामने से निकल जाते तो इतने पर ही एक का बलात्कार, या दोनों का व्यभिचारके जुर्म में चालान हो सकता था.
- न लूटपाट, उठाईगीरी, जहरखुरानी रुक सकती है, न पुलिस वालों की धन वसूली की आदतें, न चोरी गए बल्ब, ट्यूबलाइट्स और न, न चलने वाले पंखों को दुरुस्त किया जा सकता है..
- पी. पी. जब राहजनी के इस मामले में फंसा तब तक उसकी मार-पीट और छोटी-मोटी उठाईगीरी के तमाम मामलों की सूचनाएं बाप को मिलती रहती थीं, लेकिन उसके मन में लगातार यह सदिच्छा बनी हुई थी कि धीरे-धीरे जवानी का जोश उतरता जायेगा और वह घर-गृहस्थी के कामों में फंसता जायेगा।
- दूसरों की सहायता कर सकना तो दूर, अपना गुजारा तक जिस-तिस के सामने गिड़गिड़ाते, हाथ पसारते या उठाईगीरी करके बड़ी कठिनाई से ही कर पाते हैं, पर जिनकी प्रतिभा प्रखर है, उनकी विशिष्टताएँ मणि-मुक्तकों की तरह झिलमिलाती हैं, दूसरों को आकर्षित-प्रभावित भी करती हैं और सहारा देने में भी समर्थ होती हैं।
- बच्चे देश का भविष्य हैं, आने वाले वक़्तों में भारत के कर्णधार हैं और बदलते खुशहाल भारत की बहुत सुन्दर सी तस्वीर हैं ऐसे जुमले बाल दिवस पर या श्रमिक दिवस पर बहुत सुनने को मिल जाते हैं लेकिन यथार्थ के धरातल पर जब देश के इन्हीं ‘ कर्णधारों ' को भूख से बिलखते और चोरी उठाईगीरी जैसे अपराधों में लिप्त पाते हैं तो ऐसी बातें अपना महत्व और विश्वसनीयता खोती हुई प्रतीत होती हैं ।
- जेबकट राहत अधिनियम, 2013 (विचारित), सड़कीय कब्जा विनियमितीकरण अधिनियम, 2013 (विचारित), उठाईगीरी प्रोत्साहन एवं विकास अधिनियम, 2013 (विचारित), हर पैरंट्स का मनपसंद स्कूल ऐडमिशन अधिनियम, 2013 (प्रस्तावित), घर के सामने की सड़क पर कब्जा अधिनियम, 2013 (विचारित), उचक्कों को राहत-शिकार को भी, जेबकट को राहत-जेबकटित को भी, उबारने वाले को राहत, पतित को भी-हरेक को एक-एक अधिनियम (विचारित) तो मिलेगा पक्का।
- फिर भी, अब कल रात की मेरी बातचीत का एक जवाब सवाल की शक्ल में ऊपर उभरने लगा: चोरी और उठाईगीरी की व्यवस्था कुछ दिनों के उस विकास की झलक भले ही दिखा दे जो मध्यमवर्गियों का स्वर्ग है, पर उसमें फूलमती की जगह कहाँ पर होगी? पुराणों में कुंभीपाक मवाद और मज्जा से भरा हुआ एक नरक है, एक दूसरा नरक असिपत्र है जहाँ राह में खड़े पेड़ों पर तलवारों की पत्तियाँ होती हैं और वे पग − पग पर देह में घाव करती हैं।