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आकाश-गंगा sentence in Hindi

pronunciation: [ akash-gamga ]
आकाश-गंगा meaning in English

Examples

  1. या जब मेरी आत् मा छोड़ दे यह शरीर और हाजिर हो जाए तुम् हारे दरबार में, नाराज तुम फाँसी के फंदे की तरह झुलाना आकाश-गंगा और झकझोर डालना
  2. सत्य वस्तु स्वरूप में सह-अस्तित्व समग्र है-जो व्यापक वस्तु में संपृक्त जड़-चैतन्य प्रकृति, धरती, अनेक धरती, सौर-व्यूह, अनेक सौर-व्यूह, आकाश-गंगा, अनेक आकाश-गंगा के रूप में प्रकट है, प्रस्तुत है।
  3. क्या यह संभव नही है कि इस आकाश-गंगा के कुछ ग्रहों पर जीवन हो? कैसा अनुभव होगा वहाँ के वासियों के लिये यह महा-टकराव? ब्लैक होल्स तो समय-स्थान के वक्र (स्पेस-टाईम कर्व) को झकझोर डालेंगे।
  4. इन गीतों से गुज़रना मानो प्रकृति के असंख्य शाद्वलों से गुज़रने जैसा है, अनेक पुष्प-वाटिकाओं, मनहर द्रुमावलियों, अनभ्र आकाश-वीथियों, सहस्त्राधिक विहग-पंक्तियों, सूर्य-चन्द्र रश्मियों की आभा से, तारों और आकाश-गंगा के अनिंद्य सौन्दर्य से गुज़रने जैसा है।
  5. तुम्हारा इंतज़ार था तुम आ गई मेरे घर की रौशनी, तुम्हारी मासूम निगाहें जब खुलती है तो टिमटिमाने लगती है आकाश-गंगा इस छोटे से कमरे में, तुम्हारे नन्हें लबों पर अनजाने छिटकी हँसी दिन और देह की थकान चुरा लेती है घर की रौशनी, तुम्हारे नन्हें-नन्हें हाथों...
  6. तुम्हारा इंतज़ार था तुम आ गई मेरे घर की रौशनी, तुम्हारी मासूम निगाहें जब खुलती है तो टिमटिमाने लगती है आकाश-गंगा इस छोटे से कमरे में, तुम्हारे नन्हें लबों पर अनजाने छिटकी हँसी दिन और देह की थकान चुरा लेती है घर की रौशनी, तुम्हारे नन्हें-नन्हें हाथों
  7. अभी तक केपलर ने 1, 235 प्रतिनिधि ग्रह पाए हैं। इनमें से 54 गोल्डीलॉक्स जोन में हैं, जहां जीवन संभव हो सकता है। केपलर का मुख्य मिशन किसी अकेली दुनिया के परीक्षण के लिए नहीं है बल्कि खगोलशास्त्रियों को यह समझ प्रदान करने के लिए भी है कि कितने ग्रह हमारे आकाश-गंगा में हो सकते हैं।
  8. और तुम इसी तरह लेटे रहना गुरबचनसिंह, हवलदारसिंह, शेरसिंह! तुम मशीनगन के साए में जमीन पर लेटे हो, लेकिन जब तुम उठोगे तो जमीन का हिस्सा जहां तुम लेटे थे आकाश-गंगा बनकर चमकता होगा और यह धरती की आकाश गंगा होगी और यह धरती का सबसे ऊंचा स्वर्ग होगा और धरती की स्वर्ग की सीढ़ी होगी।
  9. मेरा हृदय उमड़ आता है ; पर उसमें अनुरक्ति नहीं होती, उस रूप-सागर के मध्य में खड़ा होकर भी मैं अपनी सुदूरता का ही अनुभव करता हूँ, मानो आकाश-गंगा का ध्यान कर रहा होऊँ! जिस सृष्टि से मैं अलग हो गया हूँ, उसकी कामना मैं नहीं करता, उसमें भाग लेने की लालसा हृदय में नहीं होती।
  10. धरती-धरती भर पीड़ा ले कर न जाने कितने सौर-मंडल समाये हैं हमारी अपनी आकाश-गंगा में. ऐसी असंख्य आकाश-गंगाओं की पीडाओं से कितनी बौनी है तेरी पीड़ा, चल उठ, अब कितने आंसू और बहायेगा अपनी बौनी पीड़ा पर! सबकी पीड़ा गले लगा ले, कुछ प्रश्नों के उत्तर दे ले फिर देख इस अनंत ब्रह्माण्ड में तेरा बौना अस्तित्व कितना महत्त्वपूर्ण है.
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