अस्थिर मन sentence in Hindi
pronunciation: [ asthir man ]
Examples
- जब संतुष्ट न रह पाना ही मानव का स्वभाव है तो फिर ऐसे विचलित और अस्थिर मन को कैसे थिर किया जा सकता है, वह भी मात्र चन्द सपनों या शब्दों के सहारे?
- [घ-क] अर्जुन कहते हैं, हे प्रभो, आप की बातों को मैं अपनें अस्थिर मन के कारण नहीं समझ पा रहा, मैं अपनें मन को कैसे शांत करूँ?
- अस्थिर मन के मूल में, अपना दुर्बल बोध।……….अपनी शक्ति जानिए, दुर्बल हो अवरोध॥खूबसूरत तुक-बंदी के साथ आपका हर दोहा बहुत कुछ सीख दे रहा है और ‘दुर्बल के बल राम' को साकार कर रहा है!इस सुंदर रचना के लिए आपको बधाईयाँ!!!...
- हे प्रभु, मैं अपनें अस्थिर मन के कारण आप के उपदेश को समझनें में असमर्थ हो रहा हूँ, क्या कोई उपाय है कि मैं अपनें मन को स्थिर कर सकूं? प्रभु का इस सम्बन्ध में गीता सूत्र-6.
- यहाँ ऐसा नहीं लगता कि अर्जुन का मन अस्थिर है, क्योंकि अस्थिर मन वाला अस्थिर संदेह वाली बुद्धि रखता है और वह यह नहीं समझता कि उसका मन अस्थिर है, वह अज्ञान में है / कौन समझता है कि वह अज्ञानी है?
- गीता से कुछ मणिओं को एकत्रित करें और बैठ कर मजा लें क्यों भागना इधर से उधर ॥ गीता की पांच मणियाँ, आपके लिए जो-अस्थिर मन..... संदेहयुक्त बुद्धि.... खंडित स्मृति..... मोह, और......... अज्ञान का समीकरण देते हैं ॥ [क] सूत्र-18.72, 18.73 पहला श्लोक प्रभु का गीता में आखिरी श्लोक है जिसमें अर्जुन से पूंछ रहे हैं.....
- वास्तव में जोगियों और ' सिद्ध पुरुषों ' ने तपस्या से चंचल और अस्थिर मन को साध, जंगली पाशों को साधने समान, जाना कि मानव सौर-मंडल के ९ सदस्यों (सूर्य से शनि तक) के सार से बनी शक्ति रूप अनंत परमेश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है, उसीका प्रतिरूप अथवा प्रतिबिम्ब, जो प्रकृति में व्याप्त विविधता और काल के साथ परिवर्तनशीलता को दर्शाने हेतु एक अद्भुत रचना है...
- चंचल (चंचलम्), अस्थिर-ध्येय में स्थिर न रहने वाला (अस्थिरम्), मन (मनः), जहाँ-जहाँ, जिस-जिस विषय में (यतः यतः), भटकता है (निश्चरति), उस-उस विषयों से (ततः ततः), इस अस्थिर मन को बार-बार (एतत्), संयत करके (नियम्य), परमात्मा में ही बार-बार (आत्मनि एव), निरुद्ध कर स्थिर करें (वशं नयेत्) ।