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असंज्ञेय अपराध sentence in Hindi

pronunciation: [ asamjnyeya aparadh ]
असंज्ञेय अपराध meaning in English

Examples

  1. दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-155 (3) में यह प्राविधानित है कि यदि पुलिस अधिकारी को मजिस्ट्रेट का आदेश मिल जाता है तो वह असंज्ञेय अपराध में भी संज्ञेय अपराध की भांति विवेचना करेगा।
  2. -जो मामले असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं, उसमें पीड़िता अदालत में कंप्लेंट केस दाखिल कर सकती है जिसके बाद अदालत साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को समन जारी करता है और फिर केस चलता है।
  3. कास्टिंग काउच ' का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने कैरियर के लिए समझौता करने को कहा था, जिसके आधार पर वंश के खिलाफ़ एक असंज्ञेय अपराध का मामला दर्ज कर लिया गया है.
  4. इस घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट वादी राम अवतार सिहं द्वारा थाना बनबसा, जिला-चम्पावत में दिनांकः13-6-2007 को दी गई, जहां असंज्ञेय अपराध के रूप में धारा-323,504भा0दं0सं0 के अंतर्गत रिपोर्ट अभियुक्त द्वारिका प्रसाद के विरूद्ध दर्ज की गई।
  5. दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-155 (2) में यह प्राविधानित है कि कोई भी पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के किसी असंज्ञेय अपराध की विवेचना नहीं करेगा और न ही ऐसे मामले को परीक्षण हेतु भेजेगा।
  6. -जो मामले असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं, उसमें पीड़िता अदालत में कंप्लेंट केस दाखिल कर सकती है जिसके बाद अदालत साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को समन जारी करता है और फिर केस चलता है।
  7. किसी की मानहानि की गई हो या फिर मामूली मारपीट का मामला हो तो ये मामले असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है ऐसे मामले में सीधे एफआईआर नहीं होती बल्कि ऐसे मामले में अदालत में शिकायत की जाती है।
  8. पीड़ित लॉरेंस फाल्कन (65) ने बताया कि सितंबर 2011 और पिछले साल मई और दिसंबर में मिलाकर बांद्रा थाने में तीन शिकायतें की गईं लेकिन अभिनेता और उनके अंगरक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बजाय पुलिस ने सिर्फ असंज्ञेय अपराध का मामला दर्ज किया है।
  9. राज्य सरकार ने परिपत्र जारी कर सभी राज्य कर्मियों को पाबंद किया है कि वे लोकशान्ति से संबंधित असंज्ञेय अपराध या लोकशान्ति भंग करने से संबंधित संज्ञेय अपराध किये जाने अथवा किए जाने के आशय की जानकारी होते ही अपने निकटतम मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को इत्तला करें।
  10. यहां तक कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 155 तथा राजस्थान पुलिस नियम 1965 के नियम 5. 1 में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि मामला असंज्ञेय अपराध का है तो भी रोजनामचा में प्रविष्टि की जायेगी किन्तु व्यवहार में पुलिस तो संज्ञेय मामलों में भी अपराध दर्ज नहीं करती है।
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