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अगरु sentence in Hindi

pronunciation: [ agaru ]
अगरु meaning in English

Examples

  1. उसे देवकी के पुत्रजनन के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करना चाहिए, जिसमें जल से पूर्ण शुभ पात्र, आम्रदल, पुष्पमालाएँ आदि रखना चाहिए, अगरु जलाना चाहिए और शुभ वस्तुओं से अलंकरण करना चाहिए तथा षष्ठी देवी को रखना चाहिए।
  2. उसे देवकी के पुत्रजनन के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करना चाहिए, जिसमें जल से पूर्ण शुभ पात्र, आम्रदल, पुष्पमालाएँ आदि रखना चाहिए, अगरु जलाना चाहिए और शुभ वस्तुओं से अलंकरण करना चाहिए तथा षष्ठी देवी को रखना चाहिए।
  3. (2) घीकुंवार (अगरु, अगर, एलो वीरा) का ज्यूस (अर्क), शरबत, पाचन को दुरुस्त करता है तथा शरीर से अपशिष्ट खारिज करने में मददगार साबित होता है. डी-टोक्सीफाई करता है बॉडी को.
  4. इसके निवारण क़ी एक मात्र विधि यही है कि जब स्वयं के शरीर से उत्सर्जित Sodium Tetrachloride के संपर्क में डाईथिलफास्फामाजाईन क्लोरेट (गुगुल एवं लोबान), मैथिल ग्लीआकजायिन (अगरु एवं तगरु), हेक्ट्रानईट्रीसिन (समुद्रफेन एवं माजूफल) तथा इथियो फास्फीन (कपूर) आ जा य.
  5. भभूत में लिपटे शिव के रंग वाला (सफ़ेद) मेघ आकाश को अलंकृत करता हुआ जाकर समुद्र को पीता है और लौटते हुए उसका रंग अगरु का लेप धारण करने वाले स्तनों की श्रीदेवी को अपने वक्ष में धारण करने वाले (विष्णु) के रंग का-सा हो जाता है।
  6. ऐसी ज़मीन पर सात दिन तक गूगल, लोबान, अगरु, तगरु, देवदारु, चीड, शुद्ध घी, तिल, लाख, गुडकंद एवं कमलगट्टे के बीज के हवन एवं ऊपर बतायी विधि से आठ दिशाओं में यथा विधि पूजन करने से पितृ दोष का शमन हो जाता है.
  7. आज तुम्हारी ढेरों यादें आज तुम्हारी ढेरों यादें आयी मेरे नाम से बढ़ने लगा दर्द का पहरा टुकड़ा-टुकड़ा शाम से दिन रात अगरु सा जलता मन चुपचाप राख बनता है निर्मोही सा कोई मेरे जीवन को छलता है जो बात किसी से कही नहीं वह भी तो मेरी रही नहीं तुमसे तो अच्छी...
  8. आज तुम्हारी ढेरों यादें आज तुम्हारी ढेरों यादें आयी मेरे नाम से बढ़ने लगा दर्द का पहरा टुकड़ा-टुकड़ा शाम से दिन रात अगरु सा जलता मन चुपचाप राख बनता है निर्मोही सा कोई मेरे जीवन को छलता है जो बात किसी से कही नहीं वह भी तो मेरी रही नहीं तुमसे तो अच्छी
  9. अशोक, मौलश्री, पारिजात, सदा सुहागन, अगरु, अंकोल, अर्जुन, आरग्वध, आमलकी, कुटज, कचनार, गंभारी, गुग्गुल, देवदारु, वरुण, विभीतक, थिगारू, कदलीफल (केला), श्रीफल (नारियल), जासौंन, पान अदि को घरों में लगाने की वास्तु-शास्त्रीय परंपरा पूर्णतः वैज्ञानिक है।
  10. मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन, उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
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